गुरुग्राम में 50 हजार की रंगदारी मांगने वाला फर्जी पत्रकार और पुलिसकर्मी गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-17 12:23 GMT
Fake Journalist, policemen held for extorting Rs 50,000
डिजिटल डेस्क, गुरुग्राम। गुरुग्राम पुलिस की एक टीम ने फर्जी पुलिस अधिकारी और फर्जी पत्रकार बनकर एक व्यक्ति से कथित रूप से 50,000 रुपये की उगाही करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह जानकारी दी है। गिरोह के सदस्यों में से एक को 6 जून को गिरफ्तार किया गया था और उसकी पहचान सुनील के रूप में हुई है। बाकी आरोपियों की पहचान 29 वर्षीय फर्जी पत्रकार मोहित कुमार टोंक और जयपुर निवासी 37 वर्षीय फर्जी पुलिस अधिकारी देवकीनंदन के रूप में हुई है। पुलिस ने इन्हें राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक पीड़ित ने चार जून को शिकायत दर्ज कराई थी कि एक व्यक्ति ने एक वेबसाइट के जरिए उससे संपर्क किया और उससे सर्विस मांगी। पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता को साइबर पार्क सेक्टर-39 गुरुग्राम बुलाया और उसे स्विफ्ट डिजायर कार में बिठा लिया। संदिग्धों ने तब खुद को पुलिसकर्मी और पत्रकार के रूप में पेश किया और साइबर अपराध करने के लिए उसे जेल भेजने की धमकी दी।

खुद को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताने वाले एक अन्य व्यक्ति ने पीड़ित से एक लाख रुपये की मांग की। इसके बाद पीड़ित ने अपने भाई के खाते से 50 हजार रुपये संदिग्धों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर करा दिए। आरोपियों ने पीड़ित को धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और जल्दी ही शेष राशि की व्यवस्था करने को भी कहा। शिकायत के बाद सदर थाने में मामला दर्ज किया गया।

पुलिस जांच के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि मोहित करीब नौ साल पहले जयपुर में टूरिस्ट गाइड का काम करता था, वह एक डिस्को में काम करने गया था, जहां उसकी मुलाकात तहलका चैनल के मालिक इब्राहिम शेख से हुई थी। अंग्रेजी भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ के कारण, उन्होंने इब्राहिम शेख के साथ मुंबई में हाई स्टेटस वाले लोगों पर स्टिंग ऑपरेशन करना शुरू किया। पुलिस ने बताया कि वर्ष-2020 में कोविड के कारण लगे लॉकडाउन के बाद वह जयपुर लौट आया था।

इसके बाद उसने देवकीनंदन और सुनील के साथ विभिन्न वेबसाइटों जैसे- रेंटमैन, स्कोका, लॉकएन्टो, जिगेलो और मसाज-रिपब्लिक आदि के माध्यम से जबरन वसूली की योजना बनाई, अपने शिकार को टारगेट किया और उन्हें सर्विस लेने के लिए बुलाया। वे लगभग 1 महीने तक एक शहर में रहते और अपराध करने के बाद दूसरे शहर में जाकर वहां अपराध करते थे।

एसीपी (अपराध) वरुण दहिया ने कहा आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने दिल्ली, जयपुर, बेलगाम, मुंबई, अहमदाबाद आदि शहरों में सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया है। संदिग्ध ने यह भी खुलासा किया कि जब पीड़ित को उनके द्वारा की गई धोखाधड़ी के बारे में पता चल जाता तो, आरोपी पुलिस शिकायत के डर से पीड़ितों को कुछ राशि देकर मामले में समझौता कर लेते थे।

--आईएएनएस

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