सतना: वाहन चोरों का आतंक, भीड़भाड़ वाले इलाकों से पलक झपकते ही पार कर देते हैं गाड़ियां

  • वाहन चोरों का आतंक, भीड़भाड़ वाले इलाकों से पलक झपकते ही पार कर देते हैं गाडिय़ां
  • शहरी इलाकों से चुरा कर ग्रामीण क्षेत्रों में कम कीमत पर बेंचते हैं टू-व्हीलर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-09 11:05 GMT

डिजिटल डेस्क, सतना। जिले में वाहन चोरी की वारदात आए दिन सामने आ रही हैं, शहरी क्षेत्र से लेकर कस्बों में बदमाश सक्रिय हैं, जो पलक झपकते ही गाडिय़ां गायब कर देते हैं। चोरों के निशाने पर सबसे ज्यादा टू-व्हीलर होते हैं, इनमें भी कुछ विशेष कंपनियों और मॉडल की गाडिय़ों की चोरी का खतरा सर्वाधिक रहता है। बीते कुछ सालों में चोरी के मामले लगातार बढ़े हैं, मगर पुलिस का रवैया नहीं बदला। अव्वल तो शिकायत दर्ज करने में पीडि़त के पसीने छूट जाते हैं, अगर किसी तरह रिपोर्ट हो गई तो गाड़ी का मिलना खाकीधारियों की मेहनत नहीं किस्मत के भरोसे रहता है। जब से पुलिस मुख्यालय ने ऑनलाइन एफआईआर की सहूलियत दी है, तब से थानों में वाहन चोरी की एफआईआर सीधे दर्ज ही नहीं होती। वहीं ऑनलाइन रिपोर्ट में 30 दिन की ही समय-सीमा रखी गई है, जिसके बाद प्रकरण में खात्मा लगाने का प्रावधान है।

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इन क्षेत्रों से होती हैं सर्वाधिक चोरियां--

हाल के वर्षों में पुलिस ने कुछ प्रकरणों का खुलासा कर आरोपियों को पकड़ा और टू-व्हीलर बरामद किएए जिनमें एक बात सामने आई कि हॉस्पिटल, बैंक, रेलवे स्टेशन और मार्केट के ऐसे स्थानों से टू-व्हीलर चोरी के सर्वाधिक मामले सामने आए, जहां लोगों ने पार्किंग का मामूली शुल्क बचाने गाड़ी खड़ी की थी। इतना ही नहीं चोरी किए गए वाहन छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में आर्थिक रूप से निम्न-मध्यम वर्ग के ऐसे लोगों को कम कीमत पर बेचा गया जो नई बाइक खरीदने की स्थिति में नहीं रहते। शातिर अपराधी कोई न कोई मजबूरी बताकर उन्हें जाल में फंसाकर गाड़ी थमा देते थे। जबकि चार पहिया वाहनों को यूपी-बिहार में खपाया जाता है। अभी तक चोरी किए गए टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर वाहनों को कबाड़ में काटकर खपाने के इक्का-दुक्का प्रकरण ही सामने आए हैं, मगर संगठित गिरोह के संलिप्त होने के साक्ष्य नहीं मिले।

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आंकड़ों पर एक नजर ...

वर्ष-2023-

टू-व्हीलर की चोरी के 228 अपराध पंजीबद्ध किए गए थे, जिनकी कीमत 9 लाख 28 हजार से ज्यादा निकाली गई थी, जिनमें से पुलिस ने 5 लाख 13 हजार रुपए के 81 वाहन बरामद कर आरोपियों को पकड़ लिया, मगर अब भी 147 गाडिय़ां नहीं मिलीं। वहीं अलग-अलग थाना क्षेत्रों से 29 लाख 34 हजार के 11 फोर व्हीलर चोरी किए गए थे, जिनमें से 27 लाख 15 हजार कीमत के 8 वाहन बरामद कर अपराधियों को पकड़ा जा चुका है।

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वर्ष 2022-

टू-व्हीलर और फोर व्हीलर की चोरियों के 303 प्रकरण संयुक्त सतना जिले में दर्ज किए गए थे, जिनकी कीमत 1 करोड़ 65 लाख 84 हजार रुपए थी। इसी अवधि में पुलिस की टीमों ने कई चोरों को गिरफ्तार कर 82 गाडिय़ां बरामद कर उनके मालिकों तक पहुंचाई, जिनकी कुल कीमत 1 करोड़ 12 लाख से ज्यादा थी। चोरी के अनुपात में बरामदगी का आंकड़ा बेहद कम और चिंताजनक है। वाहन चोरी के मामले बढऩे से लोग खासे परेशान हैं।

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