Satna News: इंजन की ठोकर लगने से सेफ्टी ऑडिट टीम में शामिल रेलवे के चीफ लोको इंस्पेक्टर की मौत

  • डीआरएम विवेकशील ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
  • जीआरपी ने मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है
  • इस घटना के पहले ही आडिट टीम को लेकर परख यान टिकरिया स्टेशन की ओर बढ़ चुका था।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-25 09:24 GMT

Satna News: रेलवे की सेफ्टी ऑडिट टीम में शामिल चीफ लोको इंस्पेक्टर जीतेंद्र नाथ शुक्ला की गुरुवार को दोपहर मझगवां रेलवे स्टेशन में निरीक्षण के दौरान गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस के इंजन की ठोकर लगने से मौके पर ही मृत्यु हो गई। पीछे से इंजन की ठोकर तब लगी जब वह ट्रैक से प्लेटफार्म नंबर 3 पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। ठोकर इतनी तेज थी कि वह दूर तक उछले। सिर पत्थर के खंभे से टकरा गया। जीआरपी ने मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है। इसी बीच डीआरएम विवेकशील ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

अगले माह होनी थी सेवानिवृत्ति

जानकारों ने बताया कि चीफ लोको इंस्पेक्टर ( सीएलआई ) जीतेंद्रनाथ शुक्ला अगले माह नवंबर में 61 वर्ष के होकर सेवानिवृत्त होने वाले थे। मूलत: उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी जीतेंद्र नाथ यहां राजेंद्र नगर बसंत विहार के निवासी हो गए थे। शव को जिला अस्पताल की मरचुरी में रखा गया है। पोस्टमार्टम 25 अक्टूबर को होगा। बताया गया है कि चीफ सेफ्टी अधिकारी (सीएसओ) प्रभात कुमार के नेतृत्व में परख ट्रेन से रेलवे की ऑडिट टीम गुरुवार को सगमा, जैतवारा और खुटहा का निरीक्षण करते हुए मझगवां स्टेशन पहुंची।

टीम में एडीआरएम आनंद कुमार शर्मा समेत 50 सदस्य शामिल थे। इन्हीं में एक सतना में पदस्थ चीफ लोको इंस्पेक्टर जितेंद्र नाथ भी थे। दोपहर पौने एक बजे उन्हें अप मेन लाइन में खड़ी मालगाड़ी की जांच के लिए भेजा गया। वह अकेले थे। लौटते समय जब वह प्लेटफार्म पर चढ़ रहे थे तभी गोंदिया से बरौनी जा रही थी एक्सप्रेस गाड़ी गुजरी। इसी के इंजन की ठोकर लगी।

ड्राइवर ने स्टेशन मास्टर को दी रनओवर की खबर

आरोप है कि इस घटना के पहले ही आडिट टीम को लेकर परख यान टिकरिया स्टेशन की ओर बढ़ चुका था। गोंदिया-बरौनी के ड्राइवर ने मझगवां के स्टेशन मास्टर को जब रनओवर की खबर दी तो पता चला कि हादसे में मृत व्यक्ति कोई यात्री नहीं बल्कि ऑडिट टीम में शामिल रेलवे के ही चीफ लोको पायलट हैं। खबर मिलने पर ऑडिट टीम ने दो दिवसीय निरीक्षण को रद्द कर दिया और सभी रेल अफसर दोपहर 3 बजे तक मझगवां लौट आए।

नाराज यूनियन कर्मियों ने परख यान रोका

पुलिस के सख्त सुरक्षा घेरे में भीड़ से निकाले गए सीएसओ और एडीआरएम

उधर, घटना की खबर मिलते ही यहां सतना जंक्शन में विभिन्न रेल यूनियन के कर्मचारी लामबंद हो गए। परख यान के आने के पहले ही सैकड़ों की संख्या में एक जुट हुए कर्मचारी प्लेटफार्म नंबर एक पर अप ट्रैक पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों की इस रणनीति को भांपते ही स्टेशन में परख को प्लेटफार्म 3 के लिए डायवर्ट कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने भी फुर्ती दिखाई और यान के सामने जा कर प्रदर्शन करने लगे।

हालात को भांपते हुए आरपीएफ और जीआरपी के लिए सिविल पुलिस की भी मदद ली गई। सीएसपी महेंद्र सिंह चौहान, सिटी टीआई राघवेंद्र द्विवेदी और सिविल लाइन के थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह परिहार बल के साथ स्टेशन पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने मानिकपुर की ओर जा रही कामायनी एक्सप्रेस रोक ली। यह ट्रेन यहां तकरीबन 30 मिनट पिटी। अंतत: पुलिस की सख्ती के बाद रात 8 बजे ऑडिट टीम के साथ परख यान जबलपुर के लिए रवाना हो पाया।

आरपीएफ थाने का भी घेराव

आडिट टीम को लेकर परख यान के सतना पहुंचने पर पुलिस ने सख्त घेरा बनाया और शव को जीआरपी ने अपनी सुरक्षा में ले लिया। चीफ सेफ्टी अधिकारी (सीएसओ) प्रभात कुमार और एडीआरएम आनंद कुमार शर्मा समेत अन्य अधिकारियों को भीड़ से सुरक्षित निकालते हुए आरपीएफ थाना ले जाया गया।

प्रदर्शनकारी भी दो हिस्से में बट गए एक समूह ने आरपीएफ थाने का घेराव कर दिया तो दूसरे ग्रुप ने परख यान को टस से मस नहीं होने दिया। जीआरपी सतन शाम 5 बजे एम्बुलेंस से मझगवां से डेड बॉडी लेकर जिला अस्पताल पहुंची। प्रदर्शनकारियों ने जिला अस्पताल में भी प्रदर्शन कर विरोध जताया।

आखिर, इतनी नाराजगी क्यों

प्रदर्शनकारी रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किए जाने की मांग कर रहे हैं। विभिन्न रेल यूनियन के लामबंद कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे में स्टाफ का अभाव है, भर्तियां नहीं होने से काम कर रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर वर्कलोड है।

दबाव बना कर काम लिया जा रहा है। प्रर्शनकारियों ने यह भी सवाल उठाया कि चीफ लोको पायलट को मझगवां में मालगाड़ी की चेकिंग के लिए अकेले क्यों भेजा गया?

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