रिश्तों का कत्ल : बड़े बेटे ने गला घोटकर की थी बुजुर्ग मां की हत्या, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा जेल
- बेटा बना मां की जान का दुश्मन
- बेटे की करतूत से इंसानियत हुई शर्मसार
डिजिटल डेस्क, सतना। उचेहरा थाना क्षेत्र के खोह गांव में 70 वर्षीय महिला की हत्या उसके ही बड़े बेटे ने गला घोटकर की थी। पुलिस ने सनसनीखेज वारदात का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि सुखबरिया कोल, बीते 8 जून की सुबह सूखी लकडिय़ां लाने जंगल गई थी, लेकिन दोपहर तक नहीं लौटी तो परिजन तलाश करने लगे। कई घंटों की खोजबीन के बाद रात लगभग साढ़े 11 बजे उसकी लाश जंगल में नहर की पुलिया के नीचे पड़ी मिली, जिस पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अगले दिन पोस्टमार्टम कराया तो रिपोर्ट में गला घोटकर हत्या की बात सामने आई, लिहाजा अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 302 व 201 का अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई।
ऐसे आरोपी तक पहुंची पुलिस
पुलिस ने इलाके में मुखबिरों को सक्रिय करने के साथ परिजनों और पड़ोसियों से पूछताछ की तो पता चला कि बुजुर्ग महिला के दो बेटे राधे सिंह गोंड़ पुत्र स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह 48 वर्ष और विश्वनाथ सिंह गोंड़ हैं। वह अपने छोटे बेटे विश्वनाथ के साथ रहती थी। उसे वृद्धा पेंशन समेत शासन की जितनी भी योजनाओं का लाभ मिलता था, उससे छोटे बेटे की मदद करती थी। इतना ही नहीं अपने हिस्से की जमीन में खेती-बाड़ी का जिम्मा भी उसको ही दिया था। इस बात से बड़ा बेटा राधे सिंह नाराज रहता था। यह जानकारी सामने आते ही राधे को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो आरोपी ने जुर्म स्वीकार कर लिया। आरोपी से पता चला कि छोटे भाई की हर तरह से मदद करने के साथ ही बात-बात पर मां अपमानित करती थी। पीएम आवास का पैसा भी छोटे भाई को ही दिलाई थी। इसी वजह से गुस्से में आकर 8 जून को जब बुजुर्ग मां लकड़ी लेने जंगल गई तो पीछा करते हुए आरोपी ने पकड़ लिया और मारपीट कर उसी की साड़ी से गला घोट दिया, फिर लाश को घसीटकर पुल के नीचे रख दिया। आरोपी के कब्जे से डंडा और टांगी भी जब्त की गई है।
नाकाम रही गुमराह करने की कोशिश
मां की हत्या के बाद आरोपी चुपचाप गांव लौट आया था, उधर जब छोटा भाई विश्वनाथ मां की तलाश के लिए निकला तो वह भी साथ में नहीं गया और न ही कोई मदद किया। आरोपी तब जंगल पहुंचा जब महिला की लाश मिल गई। उसने पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार भी किया, लेकिन पुलिस की पूछताछ में आरोपी बार-बार बयान बदलता रहा। घटना दिनांक को आरोपी ने काम करने उचेहरा आने की बात कही, लेकिन जांच में पता चला कि राधे कई दिनों से मजदूरी करने नहीं जा रहा था। इन्हीं तथ्यों के आधार पर जब पुलिस टीम ने उसे हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो आरोपी की हकीकत सामने आ गई। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। इस कार्रवाई में टीआई डीआर शर्मा के साथ एसआई प्रीतम सिंह मरावी, एसएस वर्मा, एएसआई डीएन उपाध्याय, आरक्षक शैलेन्द्र यादव, निखिल यादव और कवीन्द्र त्रिपाठी ने अहम भूमिका निभाई।