कानून व्यवस्था के मुंह पर तमाचा: पुलिस की मौजूदगी में दुष्कर्म पीडि़ता को कोर्ट के सामने से उठा ले गए परिजन

  • अदालत परिसर में एक घंटे हंगामा, वकीलों के हस्तक्षेप से काबू में आए हालात
  • बीच बचाव में पीडि़ता और आरोपी की मां सामने आई तो इनको भी डंडे पड़े।
  • मौके पर मौजूद आधा दर्जन पुलिस वाले सिर्फ तमाशबीन बने रहे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-31 10:18 GMT

डिजिटल डेस्क,सतना। जिला न्यायालय परिसर के अंदर यहां कानून व्यवस्था पर उस वक्त करारा तमाचा पड़ा जब मंगलवार की दोपहर पाक्सो एक्ट की स्पेशल कोर्ट में बयान दर्ज कराने आई एक पीडि़ता को उसके पिता, भाई और दो अन्य परिजनों ने नवम एडीजे की कोर्ट के सामने पकड़ लिया। उसे जबरन टांग कर बाहर मेन गेट तक ले जाने में भी सफल रहे।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पीडि़ता से मारपीट और चीख पुकार के बीच वकीलों ने हस्तक्षेप किया। पीडि़ता को परिजनों से छुड़ाया और इस तरह से वह पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश के सामने पेश हो पाई। अदालत ने दुष्कर्म पीडि़ता के बयान दर्ज कर लिए हैं।

कोर्ट की गैलरी में हंगामा तकरीबन एक घंटे चला। इस दौरान मौके पर मौजूद आधा दर्जन पुलिस वाले सिर्फ तमाशबीन बने रहे। जिला न्यायालय में कानून व्यवस्था की ऐसी हालत यहां तब सामने आई है, जब मुख्यमंत्री डा. मोहन सिंह यादव ने प्रदेश में साक्षियों को सुरक्षा देने के सख्त निर्देश दे रखे हैं।

ऐसे बिगड़ी बात,साथ में था आरोपी

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोपहर 12 बजे के करीब यह स्थिति तब बनी जब पीडि़ता नईबस्ती निवासी आरोपी शिवांशु बारी और उसकी मां के साथ बयान दर्ज कराने के लिए जिला न्यायालय परिसर पहुंची। अभी तीनों, नवम एडीजे की कोर्ट के सामने ही पहुंचे थे कि वहां पहले से मौजूदा पीडि़ता के पिता-भाई और दो अन्य युवकों ने आरोपी शिवांशु बारी को पकड़ लिया और गैलरी में रखे झाड़ुओं के डंडों से उसकी पिटाई शुरु कर दी।

बीच बचाव में पीडि़ता और आरोपी की मां सामने आई तो इनको भी डंडे पड़े। इसी बीच रहस्यमयी अंदाज में सामने आया पुलिस का एक मुंशी आरोपी को पकड़ कर अपने साथ ले गया। आरोपी के जाने के बाद परिजनों ने पीडि़ता की खबर ली।

हाथापाई करते हुए उसे जबरिया उठाने की कोशिश की। वह जमीन पर बैठ गई तो पिता- भाई ने उसके हाथ पकड़े और दो अन्य ने दोनों पैर पकड़ कर टांग लिया और कोर्ट परिसर के बाहर मेन गेट तक ले गए। गनीमत थी कि कुछ अधिवक्ताओं ने हस्तक्षेप कर पीडि़ता को परिजनों से छुड़ाया और बयान दर्ज कराने के लिए जज के पास ले गए।

अंतत: आरोपी के साथ गई पीडि़ता

बयान दर्ज कराने के बाद पीडि़ता आरोपी के साथ ही उसके घर चली गई। जानकारों के मुताबिक इस केस की मिस्ट्री अजब-गजब है। प्रकरण के मुताबिक वर्ष 2022 की 7 सितंबर को पीडि़ता शाम साढ़े 6 बजे शौच के लिए घर से निकली थी और फिर नहीं लौटी।

परिजनों ने इस मामले में आरोपी शिवांशु बारी पर शक जताते हुए कोलगवां थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। मामला तब आईपीसी की धारा- 366, 376 , पाक्सो और एससी-एसटी एक्ट के तहत कायम करते हुए लडक़ी दस्तयाब की गई थी और आरोपी को जेल भेज दिया गया था। कोलगवां पुलिस के मुताबिक पीडि़ता एक बार फिर गायब हुई और इसी आरोपी के पास से दस्तयाब की गई। इसी केस के सिलसिले में मंगलवार को उसकी गवाही थी।

कचहरी में गोली चलने के बाद उठी थी पुलिस चौकी की मांग

अधिवक्ताओं ने बताया कि जिला न्यायालय परिसर में सुरक्षा के प्रबंध नहीं हैं। सुरक्षा प्रबंधों की दयनीय स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि समूचे कोर्ट परिसर में सिर्फ दो सीसीटीवी कैमरे हैं और दोनों खराब पड़े हैं।

कुछ साल पहले कचहरी परिसर में एक अधिवक्ता पर फायर की घटना और आए दिन हो रही चोरियों की घटना के चलते जब तब कचहरी में पुलिस चौकी खोलने की मांग उठती रही है, मगर जब-जब यह मांग उठी तब-तब इसे यह कह कर खारिज कर दिया गया कि पुलिस लाइन बगल में है।

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