सतना: नई संहिता में 173 में दर्ज होगी एफआईआर
- नवीन संहिता बीएनएसएस में 173 में एफआईआर दर्ज की जाएगी और चालान 193 में पेश होगा।
- इलेक्ट्रॉनिक एवीडेंस के लिए धारा 65बी में प्रावधान था जो अब नए साक्ष्य अधिनियम में धारा 63 में प्रावधान किया गया है।
डिजिटल डेस्क,सतना। एसपी ऑफिस में शहरी थाना क्षेत्र के पुलिस कर्मियों के चल रहे प्रशिक्षण के अंतिम दिन 1 जुलाई से लागू हो रही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पुलिस कर्मियों से संबंधित विशिष्ट प्रावधानों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
प्रशिक्षक और एडीपीओ हरिकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि पुरानी सीआरपीसी में जहां एफआईआर 154 में दर्ज की जाती थी, वहीं नवीन संहिता बीएनएसएस में 173 में एफआईआर दर्ज की जाएगी और चालान 193 में पेश होगा।
अतिरिक्त अभियोजन अधिकारी श्री त्रिपाठी ने नई संहिता में दिए गए गिरफ्तारी के प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा कि पहले यहां धारा 35 में गिरफ्तारी होती थी, नई संहिता में धारा 41 के तहत गिरफ्तारी होगी।
उन्होंने बताया कि तलाशी के संबंध में बीएनएसएस में नई धारा 105 दी गई है, जिसमें तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी अनिवार्य की गई है।
गिरफ्तारी के लिए डीएसपी की परमीशन
नई संहिता बीएनएसएस में 60 वर्ष के ऊपर के बुजुर्ग, बीमार और तीन साल से कम अपराध के मामलों में गिरफ्तारी के प्रावधानों में परिवर्तन किया गया है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि नई संहिता में ऐसे मामलों में गिरफ्तारी के लिए डीएसपी की परमीशन अनिवार्य की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि पुरानी संहिता में जहां धारा 164 के तहत फरियादी के कथन कराए जाते थे, अब वह 183 में होंगे। जबकि पहले उद्घोषणा और कुर्की धारा 82, 83 में होती थी जो अब धारा 84, 85 में होगी।
इसके अलावा उन्होंने भारतीय साक्ष्य अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा कि पहले जहां मेमोरेंडम कथन धारा 27 में दर्ज किए जाते थे, अब वह धारा 23 में दर्ज किए जाएंगे। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक एवीडेंस के लिए धारा 65बी में प्रावधान था जो अब नए साक्ष्य अधिनियम में धारा 63 में प्रावधान किया गया है।
इनका कहना है
एसपी और अभियोजन कार्यालय के निर्देशन पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण में तीनों नवीन संहिताओं की तुलनात्मक जानकारी का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण का आयोजन एक अच्छी पहल है।
हरिकृष्ण त्रिपाठी एडीपीओ