सतना: 39 बस्तियों में पेयजल संकट, पीएचई के पास बिगड़े हैंड पंपों का हिसाब नहीं
- पेयजल परिवहन की स्वीकृति पर विचार अंतिम उपाय के तौर पर ही किया जाएगा।
- खराब पड़े बंद पंपों की सटीक स्थिति प्रस्तुत किए जाने की हिदायत दी।
डिजिटल डेस्क,सतना। जिले की 39 बस्तियों में पेयजल संकट है। कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को पेयजल की समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया। इस दौरान कलेक्टर ने पीएचई के ईई के इस दावे का खारिज कर दिया कि 14 हजार 998 हैंडपंपों में से महज 1077 हैंडपंप ही बंद पड़े हैं।
कलेक्टर ने कहा कि यह संख्या सही नहीं है। उन्होंने खराब पड़े बंद पंपों की सटीक स्थिति प्रस्तुत किए जाने की हिदायत दी।
2 दिन के अंदर रिपोर्ट तलब
कलेक्टर ने जिले के सभी सीएमओ और सीईओ को निर्देशित किया कि वे पंचायतों एवं निकायों की वार्डवार पेयजल संकट की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट दो दिन के अंदर पेश करें। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि चालू-बंद और हैंडपंपों एवं नल-जल योजनाओं की स्थिति क्या है? पंचायतों को निर्देशित किया गया कि वे अपने उलब्ध टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें।
पेयजल परिवहन की स्वीकृति पर विचार अंतिम उपाय के तौर पर ही किया जाएगा।
जल जीवन मिशन,सुधरी नहीं चाल
जिले में जल जीवन मिशन और बाणसागर ग्रामीण पेयजल योजना की कछुआ चाल कायम है। समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी जताई। समय सीमा प्रकरणों की समीक्षा बैठक में अपर कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े, जिला पंचायत की सीईओ संजना जैन, नगर निगम के कमिश्नर शेर सिंह मीना, एसडीएम नीरज खरे, जितेंद्र वर्मा, सुधीर बेक, एपी द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर गोविंद सोनी एवं सुमेश द्विवेदी भी मौजूद थे।