सतना: चित्रकूट के बहुचर्चित जुड़वा बच्चों के हत्याकांड का मामला

कातिलों को हाईकोर्ट जबलपुर से भी नहीं मिली जमानत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-31 12:25 GMT

डिजिटल डेस्क,सतना।

चित्रकूट के तेल कारोबारी के मासूम जुड़वा बच्चों का फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या करने वाले कातिलों को उच्च न्यायालय जबलपुर ने भी राहत देने से इंकार किया है। आरोपियों की ओर से सजा के विरूद्ध दाखिल अपील और जमानत दिए जाने के लिए प्रस्तुत याचिका को सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा की पीठ ने मामले की गंभीरता और पर्याप्त सबूतों का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया है।

ये है मामला

पीआरओ अभियोजन फखरुद्दीन ने बताया कि तब के नयागांव (चित्रकूट) थाना अंतर्गत एमपीएस स्कूल कैम्पस से तेल कारोबारी बृजेश रावत के दो जुड़वा बच्चों का अपहरण पिस्टल की नोक पर किया गया था। आरोपियों ने फिरौती के रूप में करोड़ों रुपए की मांग की थी। पकड़े जाने के डर से आरोपियों ने मासूम जुड़वा बच्चों की निर्मम हत्या कर उनके पार्थिव शरीर को नदी में फेक दिया था। थाना पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर आरोप पत्र अदालत में पेश किया था। जिले की स्पेशल कोर्ट ने भादवि की धारा 148, 364ए, 344, 328, 302 और 201 का जुर्म साबित पाए जाने पर पद्मकांत शुक्ला, राजू द्विवेदी, आलोक उर्फ लकी तोमर, विक्रमजीत सिंह, अपूर्व उर्फ पिंटा यादव को उम्रकैद की सजा के साथ 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। वहीं विचारण के दौरान आरोपी रामकेश यादव ने सेंट्रल जेल सतना में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

हाईकोर्ट में अपील

स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के विरूद्ध पांचों आरोपियों ने उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील प्रस्तुत की और सजा में स्थगन दिए जाने की मांग की। वहीं अभियोजन की ओर से सजा में स्थगन की मांग का विरोध किया गया और बताया गया कि आरोपियों को पर्याप्त सबूतों के आधार पर सजा सुनाई गई है। आरोपी किसी रहम के हकदार नहीं हैं। उच्च न्यायालय जबलपुर ने सुनवाई के बाद मामले की गंभीरता के चलते आरोपियों की याचिका निरस्त कर जमानत देने से इंकार कर दिया। स्पेशल कोर्ट में अभियोजन की ओर से एडीपीओ फखरुद्दीन और धर्मेन्द्र सिंह ने पक्ष पेश किया था।

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