सतना: 15 अगस्त को केन्द्रीय कारागार से 24 बंदियों की रिहाई
- लखपति बनकर 14 वर्ष बाद जेल से छूटे बंदी मिठाईलाल
- बंदियों को लेने आए परिजन की आंखें भी अपनों को देखकर नम हो गई।
- जेल से छूटने वालों में सर्वाधिक 9 सतना जिले के बंदी रहे।
डिजिटल डेस्क,सतना। आजीवन कारावास की सजा काट रहे 24 सजायाफ्ता बंदी 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर केन्द्रीय जेल से गुरूवार को रिहा किए गए। हत्या के जुर्म में 14 वर्ष से अधिक की सजा भुगतने वाले पन्ना जिले के कैदी मिठाईलाल गोंड़ सर्वाधिक 1 लाख 2 हजार का पारिश्रमिक लेकर जेल से छूटे।
जेल प्रशासन ने बताया कि अपनी सजा की अवधि के दौरान मिठाईलाल ने कभी पैरोल नहीं किया, जेल के अंदर लगातार गोशाला एवं अन्य कार्यों के लिए प्रतिदिन श्रम किया। राय शासन द्वारा जेल मैन्युअल के अनुसार सजायाफ्ता बंदियों को प्रतिदिन 92 रूपए के मान से पारिश्रमिक दिया जाता है। जेल से छूटने वालों में सर्वाधिक 9 सतना जिले के बंदी रहे। जबकि छतरपुर जिले के 7, पन्ना के &, शहडोल-टीकमगढ़ के 2-2 और मैहर जिले के एक बंदी को रिहा किया गया।
अपराध से दूर रहने दिलाई शपथ
जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने बताया कि आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे छतरपुर जिले के दो सगे भाई जानकी लोधी और चिंतामन भी रिहा हुए। बंदियों को लेने आए परिजन की आंखें भी अपनों को देखकर नम हो गई।
रिहा होने पर प्रत्येक बंदी को अपराध से दूर रहने और अपने शेष जीवन को समाज के प्रति समर्पित रहने की शपथ दिलाई गई। इस मौके पर महापौर योगेश ताम्रकार, उपजेल अधीक्षक श्रीकांत त्रिपाठी, सोनवीर सिंह, कल्याण अधिकारी अनिरूद्ध तिवारी, सहायक जेल अधीक्षक अभिमन्यु पांडेय, विनय त्रिपाठी सहित जेल स्टाफ उपस्थित रहा।
ये हुए रिहा
जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार श्यामलाल यादव, प्रमोद कोल, राजेश गोंड़, मिठाईलाल गोंड़, नरेन्द्र रैकवार, किशोरी चौधरी, जानकी लोधी, चिंतामन लोधी, धूराम लोधी, राजेश रजक, दीनदयाल ढीमर, रामकुशल केवट, शत्रुघन केवट, महिपाल सिंह, केशवचंद्र पटेल, प्रहलाद रजक, विजय चौरसिया, राम प्रसाद, आशाराम तिवारी, लालबहादुर सिंह, कमलेश सिंह, विजय कुमार मिश्रा, गणेश चौधरी एवं प्रदीप त्रिपाठी 15 अगस्त को रिहा किए गए।