सोलापुर: उच्च व तकनिकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर फिर हुआ स्याही से हमला
- सोलापुर की घटना
- सियासी गलियारों में हड़कंप
डिजिटल डेस्क, पुणे। राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री तथा सोलापुर जिले के नए पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल के दौरे पर कुछ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सरकारी भर्ती के निजीकरण की नीति के विरोध में उनके सामने नारेबाजी की, उन्हें काले झंडे दिखाए और उनके शरीर पर स्याही फेंकी। भीम आर्मी के अजय मैंदरगीकर नामक कार्यकर्ता ने उन पर शाही फेंकी, जिसे पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया। कोल्हापुर में भाजपा द्वारा इस घटना की कड़ी निंदा की है और चेतावनी दी कि, इसके आगे भाजपा कार्यकर्ता अपने तरीके से ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने भी इस घटना की निंदा की है। ज्ञात रहे कि चंद्रकांत पाटिल पर इससे पहले पिंपरी चिंचवड़ में भी स्याही हमला किया गया था।
सोलापुर के पालकमंत्री चुने जाने के बाद चंद्रकांत पाटिल रविवार को पहली बार सोलापुर पहुंचे। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। पुलिस आयुक्त डॉ. राजेंद्र माने और पुलिस अधीक्षक शिरीष सरदेशपांडे शहर और ग्रामीण पुलिस बल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ उपस्थित थे। फिर भी भीम आर्मी के अजय मैदारगीकर नाम के एक कार्यकर्ता ने काले झंडे दिखाते हुए स्याही चंद्रकांत पाटिल पर फेंक दी। पुलिस ने संबंधित प्रदर्शनकारी को हिरासत में ले लिया है। कोल्हापुर भाजपा ने छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस समय कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए और पाटिल के जिंदाबाद के नारे लगाए। साथ ही संबंधितों को चेतावनी भी दी गई कि सोलापुर में भाजपा कार्यकर्ता उन्हें उचित सबक सिखाएंगे। सभी को लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी मांग उठाने का अधिकार है, लेकिन अगर कोई इस तरह का व्यवहार करेगा तो ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस बीच सोमवार को पुणे दौरे पर आये विधायक रोहित पवार ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, हम चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंकने का समर्थन नहीं करते हैं और यह सही नहीं है। हम भी विरोध कर सकते हैं, हम बसें जला सकते हैं, लेकिन हम युवाओं के मुद्दे पर शांतिपूर्ण तरीके से युवा संघर्ष यात्रा निकाल रहे हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि, राज्य सरकार युवाओं के मुद्दों पर कोई ध्यान देती नजर नहीं आ रही है। इस बीच आनन-फ़ानन में 11,000 लोगों की संविदा आधार पर भर्ती कर ली गई। साथ ही अगले कुछ महीनों में 1 लाख लोगों की भर्ती की जाएगी. भर्ती प्रक्रिया में शामिल कंपनियां सत्ताधारी दल के नेताओं की हैं। वे मजबूत होने के लिए कृतसंकल्प हैं। जो युवा वर्षों से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। अनुबंध के आधार पर नियुक्ति के बाद आम नागरिकों को अच्छी सेवा कैसे मिलेगी? यह सवाल भी उन्होंने उठाया।