Pune News: राज ठाकरे बोले - सर्कस बन कर रह गया है महाराष्ट्र, राजनेताओं को बिना जाली वाली इमारतों से कूदना चाहिए

  • निचले स्तर की भाषा करनेवाले नेताओं को सुनाएं साहित्यकार
  • कान पकड़कर नेताओं को सबक सिखाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-07 15:08 GMT

Pune News : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि आज का महाराष्ट्र सर्कस बन कर रह गया है। राज्य में राजनीति का स्तर काफी गिर चुका है। नेताओं की भाषा भी निचले स्तर पर जा पहुंची है। प्रदेश के कुछ नेता मंत्रालय की इमारत से जाली पर कूद रहे हैं। महाराष्ट्र में ऐसे कई नेता हैं जिन्हें बिना जाली वाली बिल्डिंग से कूद जाना चाहिए। दिल्ली में होने वाले 98वें राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन के बोधचिन्ह का अनावरण सोमवार को पुणे स्थित साहित्य परिषद कार्यालय में किया गया। राज ने आज के लेखकों और कवियों पर नाराजगी व्यक्त की। राजनेताओं की भी आलोचना की। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र देश को दिशा देने वाला राज्य है, लेकिन अब राजनेताओं की भाषा इतने निचले स्तर पर पहुंच गयी है कि भविष्य में बच्चे सोचेंगे कि यही राजनीति है। यही राजनीति की भाषा है। साहित्यकारों को इन नेताओं को खड़े बोल सुनाने चाहिए। राजनीति में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल हो रहा है, उसका विरोध क्यों नहीं हो रहा है।

कान पकड़कर नेताओं को सबक सिखाएं

ठाकरे ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के लेखकों और कवियों को देखा है, मराठी बाणा हर किसी के तन-मन से जुड़ा था। सही समय पर बोलने का साहस उनमें था। बिगड़ते सांस्कृतिक माहौल में उन्हें सुनाने का साहस राजनेता रखते थे। आज वह दिखाई नहीं पड़ता। ठाकरे ने कहा कि उनका मानना है कि नेताओं का कान पकड़कर उन्हें सबक सिखाना आपका सबसे बड़ा कर्तव्य है। आप अधिकार वाणी से बात कर सकते हैं। राज ने कहा कि आपको कभी भी अपने ट्रोल की फिक्र नहीं करें। मैंने आज तक जितना भाषण दिया, इंटरव्यू दिया, मैं नहीं देखता कि सोशल मीडिया पर क्या चर्चा हो रही है। ठाकरे ने कहा कि बोधचिन्ह के चयन के लिए देशभर से कई बोधचिन्ह मेरे पास भेजे गए थे। मुझे राजमुद्रा और कलम वाला बोधचिन्ह पसंद आयाइसे चुने का सुझाव मैंने दिया। साहित्य सम्मेलन समिति ने इसे स्वीकार कर लिया।


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