पुणे: सरकारी कर्मचारियों ने फिर किया हड़ताल पर जाने का ऐलान
- पुरानी पेंशन नहीं देनेवाली राजनीतिक पार्टी को वोट न देने का किया आह्वान
- फिर हड़ताल पर जाने का ऐलान
डिजिटल डेस्क, पुणे। सरकारी कर्मचारियों ने फिर हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले भी राज्य सरकार, अर्ध सरकारी, जिला परिषद शिक्षक, गैर शिक्षक समन्वय समिति ने पुरानी पेंशन की मांग को लेकर मार्च 2023 में राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। इसके दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिखित आश्वासन के बावजूद पुरानी पेंशन लागू नहीं होने पर बुधवार को राज्य सरकारी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की बैठक में 14 दिसंबर से दोबारा हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया। इसी तरह का बयान आज सांगली जिलाधिकारी को भी दिया गया है। इसके साथ ही सरकारी, अर्धसरकारी, जिला परिषद, शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक, संविदा कर्मियों ने भी आगामी लोकसभा चुनाव में उसी पार्टी को वोट देने का निर्णय लिया है, जिसके घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन शामिल होगी। यदि घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन को शामिल नहीं किया गया तो उस पार्टी के उम्मीदवार को वोट न देने का निर्णय लिया गया है, यह चेतावनी पी. एन. काले ने दी है।
समन्वय समिति के संयोजक पी. एन. काले ने कहा, मुख्यमंत्री द्वारा पेंशन लागू करने का वादा किये छह माह हो गये। हालांकि, सरकार ने पुरानी पेंशन को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। इसलिए सरकार को चेतावनी देते हुए प्रदेश के कर्मचारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया है। छह नवंबर को राज्य के मुख्य सचिव के कक्ष में समन्वय समिति को चर्चा के लिए बुलाया गया था, लेकिन लंबित मांगों पर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है। सभी सरकारी कर्मचारियों ने 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। सांगली में हुए आंदोलन का नेतृत्व समन्वय समिति के निमंत्रक पी. एन. काले ने किया।
इस मौके पर डी. जी. मुलाणी, गणेश धुमाल, संजय व्हनमाने, मिलिंद हारगे, जाकीरहुसेन मुलाणी, शक्ती दबडे, शिक्षक संगठन के सयाजी पाटील, राजेंद्र नागरगोजे, बाबासाहेब लाड, सुधाकर माने, मारुती शिरतोडे, अरविंद जैनपुरे, ओंकार कांबले, विजय कांबले, हाजीसाब मुजावर उपस्थित थे। इन नेताओं ने हिस्सा लिया। समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने निवासी उपजिलाधिकारी ज्योती पाटील को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया। इसके दौरान सरकारी, अर्थसरकारी, जिला परिषद, शिक्षक व शिक्षकेतर, ठेका कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।