अजीत पर आरोप मामला: पहले जांच का समर्थन अब जताया भाजपा की साजिश का अंदेशा
- पूर्व आईपीएस के आरोपों पर शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार नया बयान
- अब जताया भाजपा की साजिश का अंदेशा
- पहले जांच का समर्थन
डिजिटल डेस्क, पुणे। पूर्व आईपीएस अधिकारी और पुणे की पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरा बोरवणकर ने अपनी पुस्तक 'मैडम कमिश्नर' में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर गंभीर आरोप लगाया है। इसमें पुणे की येरवडा की सरकारी जमीन नीलामी के जरिए निजी बिल्डर को देने को लेकर पूर्व आईपीएस पर दबाव बनाने की बात कही गई है। इस आरोप के चलते राज्य में इस समय सियासी माहौल गरमाया हुआ है। इस पूरे मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने मंगलवार को पिंपरी चिंचवड़ में मीडिया से की गई बातचीत में यह अंदेशा लगाया कि, मीरा बोरवणकर के आरोपों के पीछे भाजपा का हाथ होगा। रोहित पवार ने गंभीर आरोप लगाया है कि भाजपा की नीति हमेशा से ताकतवर और जननायकों को खत्म करने की ही रही है।
रोहित पवार ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि भाजपा हमेशा ताकतवर नेताओं को कमजोर बनाने की राजनीति करती आयी है। लोगों के बीच अजित पवार की छवि को धक्का लग रहा है, भाजपा उनकी ताकत कम करने की कोशिश कर रही है। बहरहाल पूर्व आईपीएस द्वारा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर लगाए गए आरोपों के पीछे भाजपा का हाथ का अंदेशा जतानेवाले विधायक रोहित पवार ने कल (सोमवार) अपरोक्ष रूप से अजीत पवार की जांच की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, जब विपक्ष के लोगों की चहुंओर से विभिन्न एजेंसियों के जरिये जांच पड़ताल की जा रही है तब सत्ता में शामिल नेताओं की जांच में क्या आपत्ति है।
जननायक को राजनीति से बेदखल करने की साजिश: धनंजय मुंडे
इस बीच मंगलवार को पुणे में आए राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर लगे आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पवार पर बेबुनियादी आरोप लगाए जा रहे हैं। राज्य के विकास का सपना देखने वाले एक जननायक को राजनीति से बेदखल करने की साजिश रची गई है। मुंडे ने दावा किया कि तत्कालीन गृह मंत्री के आदेश पर ही येरवडा की सरकारी जमीन के लिए 'पीपीपी' के आधार पर टेंडर जारी किया गया था। बाद में खुद उन्होंने इसे रद्द कर दिया। कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा, तत्कालीन गृह मंत्री के आदेश पर ही यह टेंडर जारी किया गया था। उस समय शिकायत करने के बजाय रिटायर होने के बाद किताब में दावा करके किसी को बदनाम करना वरिष्ठ अधिकारियों के लिए अशोभनीय है। तत्कालीन गृह मंत्री ने खुद इस जगह का टेंडर रद्द कर दिया था, फिर भी संबंधित जमीन बचाने का श्रेय लेने के लिए अजित पवार पर आरोप लगाया जा रहा है।
सनसनीखेज लिखने पर मिलती है अच्छी पब्लिसिटी: अजीत पवार
यहां पुणे की पुलिस आयुक्त मीरा बोरवणकर के आरोपों पर खुद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सरकार द्वारा वर्ष 2008 में जारी जीआर पेश किया। संबंधित प्रस्ताव गृह विभाग का था, इससे मेरा क्या संबंध है? उस समय आरआर पाटिल गृह मंत्री थे। मैं भला और मेरा काम भला, यही मेरा स्वभाव है। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोपों से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि मेरा स्वभाव सख्त है, फिर भी मैं राज्य में अधिकारियों से ठीक से बात करता हूं। अजित पवार आगे कहते हैं, पिछले 3 से 4 दिनों से मेरे खिलाफ खबरें आ रही हैं, मैंने इसकी परवाह नहीं की। मैं कई वर्षों तक पालकमंत्री रहा, मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया जो कानून के दायरे में न हो। अजित पवार ने साफ किया कि अगर कोई काम नहीं कर रहा है, तो मैं उससे कहता हूं कि काम नहीं कर रहा है, इसमें वे कुछ भी गलत नहीं कर रहे हैं। कुछ लोगों को लगता है कि पुस्तक वगैरह लिखते वक्त कुछ सनसनीखेज लिखा गया तो अच्छी पब्लिसिटी मिलती है, इन शब्दों में अजीत पवार ने बोरवणकर पर तंज भी कसा।