पुणे: पीएमआरडीए क्षेत्र के अवैध निर्माणों के नियमितीकरण की मियाद बढ़ी

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Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-01 13:15 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) की सीमा के भीतर निजी भूमि पर किए अनधिकृत निर्माण को अधिकृत करने के लिए गुंठेवारी अधिनियम के तहत समय सीमा को छह महीने और बढ़ा दिया गया है। दिसंबर तक पीएमआरडीए की विकास योजना को अंतिम रूप दे दिया जाएगा, ऐसे में अनुमान है कि मौजूदा नियमों की दिक्कतें दूर हो जाएंगी। इसलिए अनधिकृत निर्माणों को अधिकृत करने की 31 अक्टूबर की समय सीमा छह महीने और बढ़ा दी गई है। पीएमआरडीए आयुक्त राहुल महिवाल ने चेतावनी दी है कि इस अवधि के भीतर आवेदन जमा नहीं करने वाले अनधिकृत निर्माण और प्लॉट धारकों के खिलाफ महाराष्ट्र क्षेत्रीय योजना और नगर नियोजन अधिनियम, 1966 की धारा 52 और 53 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।

महाराष्ट्र गुंठेवारी विकास (विनियमन, उन्नयन और नियंत्रण) अधिनियम, 2001 की धारा 3 (1) में संशोधन के बाद, 31 दिसंबर 2020 से पहले निजी स्वामित्व वाली जमीनों पर मौजूद अनधिकृत निर्माण के नियमितीकरण के लिए पात्र हो गए हैं। इसके अनुसार, महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की सीमा के भीतर निजी स्वामित्व वाली जमीनों पर मौजूद अनधिकृत निर्माणों और अनधिकृत कब्जे वाले भूखंडों के मालिकों को वैध दस्तावेजों और अन्य नियमों को पूरा करने के लिए 31 अक्टूबर की समय सीमा दी गई थी। हालांकि, प्राधिकरण क्षेत्र के दायरे को देखते हुए इस अवधि को छह महीने यानी 30 अप्रैल, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इस बीच, पीएमआरडीए की विकास योजना को दिसंबर तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। वर्तमान में अनधिकृत निर्माणों को नियमित करने के लिए कुछ नियम और शर्तें दमनकारी हैं। प्रशासन की भी यही राय है, इसलिए विकास योजना में इन नियमों व शर्तों को बाहर किए जाने की संभावना है।

इसके बाद अनाधिकृत निर्माणों के नियमितीकरण में तेजी आएगी। इससे पुणे शहर के आसपास के क्षेत्रों जैसे वाघोली, मंघर, फुरसुंगी, लोनी कांड, लोनी कालभोर, वडाची वाडी, होलकर वाडी, हांडे वाडी, नांदेड़, वडगांव, नरहे अंबेगांव, सस, गहुंजे, हिंजवडी, मान में मौजूदा अनधिकृत निर्माणों के नियमितीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा और उन निर्माणों को आधिकारिक दर्जा प्राप्त हो जायेगा।

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