आंदोलन: 24 के बाद होनेवाला आंदोलन सरकार से संभाले नहीं संभलेगा
पुणे के राजगुरुनगर की सभा में मराठा आंदोलन के नेता मनोज जारांगे की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, पुणे। मुंबई के बाद शुक्रवार को पुणे जिले के राजगुरुनगर में मराठा आंदोलन के नेता मनोज जारांगे की सभा संपन्न हुई। इसमें जारांगे ने मांग की कि सरकार को एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए और मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए एक कानून पारित करना चाहिए। सरकार को पांच हजार सबूत दिये गये हैं। मराठा आरक्षण के लिए अपनी जान देनेवाले सुनील कावले का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। इस बार कुनबी सर्टिफिकेट लिए बिना वे पीछे नहीं हटेंगे। मनोज जारांगे ने उपस्थित समुदाय से ख़ुदकुशी न करने की अपील करते हुए पूछा कि आखिर सरकार द्वारा गठित कमेटी क्या कर रही है। मराठा समाज को ये मौका दोबारा नहीं मिलेगा यह कहकर जारांगे ने चेतावनी दी कि 24 तारीख के बाद ऐसा आंदोलन होगा कि सरकार से संभाले नहीं संभलेगा।
इस सभा में के दौरान मनोज जारांगे ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने में 14 से 15 मराठा भाइयों ने आत्महत्या कर ली थी। मराठाओं ने पहले भी आरक्षण के लिए आत्महत्या की थी। मराठा समाज उनके परिवार को कुछ कमी महसूस नहीं होने देगा।जारां गे पाटिल ने कहा कि मराठा समाज दुख-दर्द सहन नहीं कर पा रहा है, इसलिए वह गांव-गांव जाकर मराठा माताओं-बहनों का आशीर्वाद ले रहे हैं। मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है, शांति के माध्यम से मराठा समुदाय को आरक्षण देने का वचन है। वह अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे। मनोज जारांगे ने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं और एक बार अपनी बात कह देता हूं तो पीछे नहीं हटता। मैं अपने समाज को अपना माता पिता मानता हूं, समाज से गद्दारी नहीं करूंगा।
मराठा आरक्षण के लिए हमने कई मार्च निकाले, सभाएं की लेकिन घर के लोगों को आरक्षण समझ नहीं आया। मार्च निकाले गए, सभाएं हुईं लेकिन कोई आरक्षण नहीं मिला। मनोज जारांगे ने कहा, आरक्षण को समझना और इसकी जड़ों तक जाना जरूरी है। मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाए, इस मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ। हमने कुनबी प्रमाणपत्र का अनुरोध किया है, इस बात का कोई उत्तर नहीं दिया गया है कि मराठों की उपजाति कुनबी नहीं है। जारांगे ने कहा कि कुनबी शब्द का संशोधित अर्थ कृषि है। घर-घर जाकर मराठा आरक्षण के बारे में जानकारी दें। हमारी एक ही मांग है कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए। जारांगे ने कहा कि मैं अपनी जाति को न्याय दिलाने के लिए खड़ा हूं। मराठा समुदाय के एक भाई ने कल आत्महत्या कर ली, मराठा समाज पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा। मराठा समाज उस भाई के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगा। जब तक आरक्षण नहीं मिलेगा मराठा एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। आत्महत्याओं के लिए सरकार जिम्मेदार है। मनोज जारांगे ने आलोचना करते हुए कहा कि अगर सरकार आरक्षण देती तो आत्महत्याएं नहीं होतीं। इस बीच मराठाओं का आंदोलन शांतिपूर्वक जारी है, यह शांति का युद्ध है। मराठा आरक्षण पाने के लिए राज्य के मराठा एकजुट हो गए हैं।