Panna News: श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है चौमुखनाथ महादेव मंदिर, भोलेनाथ की दुर्लभ चतुर्भुज प्रतिमा, चौथी सदी का है मंदिर

  • श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है चौमुखनाथ महादेव मंदिर
  • भोलेनाथ की दुर्लभ चतुर्भुज प्रतिमा, चौथी सदी का है मंदिर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-21 07:12 GMT

Panna News: विश्व एवं देश में अपनी-अपनी जगह सभी शिव मंदिरों का महत्व है लेकिन सलेहा समीपस्थ नचने का चौमुख नाथ महादेव मंदिर का इतिहास ही अनोखा है। यह अति प्राचीन इस मंदिर में भगवान शिव के चार मुख वाली प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा का हर मुख अलग-अलग रूप वाला है। चतुर्मुखी प्रतिमा में एक मुख भगवान के दूल्हे के वेश का है। इसको गौर से देखने पर भगवान के दूल्हे के रूप के दर्शन होते हैं। दूसरे मुख में भगवान अर्धनारीश्वर रूप में हैं। तीसरा मुख भगवान का समाधि में लीन स्थिति का है और चौथा उनके विषपान करने का है। प्रतिमा का सूक्ष्मता के साथ दर्शन करने पर सभी रूप उभरकर आते हैं। यह प्रतिमा अपने आप में अद्भुत और दुर्लभ है। इसी मंदिर परिसर में पार्वती मंदिर है जो दुनिया के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से है। यह मंदिर गुप्त कालीन करीब पांचवीं सदी का माना जाता है। जब इंसान मंदिरों के निर्माण की कला सीख रहा था तब इस मंदिर का निर्माण कराया गया। यह केंद्र संरक्षित स्मारक है यहां पर प्रत्येक अमावस्या को हजारों श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं जिनकी जो मनोकामना होती है यहां पर वह पूर्ण होती है साथ ही सोमवती अमावस्या, नागपंचमी, महाशिवरात्रि को यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। प्रत्येक बर्ष बसंत पंचमी को पांच दिवसीय मेले का आयोजन होता है। जहां विभिन्न जिलों के व्यापारी यहां आकर अपनी दुकानों को लगाकर व्यापार करते हैं। ग्रामीणों को मेले से आवश्यक सामग्री मिल जाती हैं।

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यहां स्थित है प्राचीन सरोवर

शिव मंदिर से एक सौ मीटर दूरी पर स्थित प्राचीन सरोवर है। यहां पर भरपूर मात्रा में कमल के फूल लगे हुए हैं। श्रद्धालुओं को कमल के फूल आसानी से मिल जाते हैं। इसी सरोवर में स्नान करने के उपरांत सरोवर का जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। इस तीर्थ स्थल के निकट अन्य प्राचीन धार्मिक स्थल है जहां पर लोग पूजा आराधना करने जाते हैं। यहां पर हमेशा धार्मिक कार्यक्रम रामचरित मानस, अखंड श्रीराम नाम संकीर्तन सहित आयोजन होते रहते हैं।

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रुपनी का मंदिर है आकर्षण का केन्द्र

श्री चौमुखनाथ मंदिर से लगभग 500 मीटर लखूरे वांग मार्ग में स्थित शिव मंदिर जहां पर भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। मंदिर को पूर्व में राजाओं के द्वारा वनवाया गया था। इस मंदिर की बनावट अदभुत है साथ ही मंदिर तीन खंडों में बना हुआ है जिसके गर्भ गृह में श्याम वर्ण शिव प्रतिमा स्थापित है। जिसे रुपनी के मंदिर के नाम से जाना जाता है। जो धार्मिक आस्था का केंद्र है। चौमुखनाथ मंदिर के साथ ही यहां के दर्शन करने का विशेष महत्व है। 

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