Panna News: खुले आसमान में सड़क किनारे व्यवसाय कर पेट पालने को मजबूर गरीब

  • खुले आसमान में सडक किनारे व्यवसाय कर पेट पालने को मजबूर गरीब
  • प्रशासानिक स्तर से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-21 07:03 GMT

Panna News: शहर सुंदर बने स्वच्छ बनें इसको लेकर प्रशासानिक स्तर से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही की गई लेकिन उन गरीब तबके के लोगों को किसी की चिंता नहीं हैं जो खुले आसमान में सडक के किनारे अपना छोटा व्यवसाय करके अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजबूर हैं। बरसात हो या भीषण गर्मी हो अथवा कडकडाती ठण्ड हो इस विषम हालातों में वह अपना धंधा करने के लिए मजबूर हैं चुनावी समय में कोई भी राजनैतिक दल हो वह सबसे पहले गरीब की मदद करने के लिए वायदा करता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह भूल जाता है और ऐसे गरीबों को अपने हाल पर छोड देता है। शहर के इंद्रपुरी कालोनी, बस स्टैण्ड, गांधी चौक, अस्पताल चौराहा एवं डायमण्ड चौक जैसे स्थानों पर जाकर देखा तो सब्जी विक्रेता, पंचर सुधारने वाले, बाल काटने की दुकान लगाने वालों का दर्द छलककर सामने आया। बातचीत के दौरान उनका कहना था कि सरकार करोडों रूपए खर्च करके बडी-बडी बिल्डिंग बनाती है काम्प्लेक्स तैयार करती है लेकिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खाली पडी शासकीय भूमि में यदि छोटी-छोटी दुकानें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को कम राशि में उपलब्ध करा दें तो न हम लोगों को दर-दर की ठोकरें खाना पडेगा और न ही रोज घर से अपनी दुकान का समान लेकर आना पडेगा।

यह भी पढ़े -२३३ परिवारों को नहीं वितरित हुआ खाद्यान्न, एसडीएम ने समिति प्रबंधक तथा विक्रेता को थमाया नोटिस

सरकार की तमाम योजनायें जो गरीब तबके लिए बनाई भी गई है उसमें आवंटन तो गरीब के नाम का किया जाता है लेकिन उसका उपयोग धनाढ्य लोग करते हैं। यदि जिला प्रशासन इसकी सूक्ष्मता के साथ जांच कराये तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। ऐसा नहीं है कि छोटे व्यवसाय के लिए सरकार ने अपनी योजनायें न बनाई हो और यह काफी लंबे समय से चल रही है लेकिन उसमें वास्तविक गरीबों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। शहर के अंदर ऐसे स्थानों का चिन्हांकन करके सुविधायुक्त छोटे व्यवसाय करने वाले व्यवसाईयों के लिए दुकानों का निर्माण करा दिया जावे तो इनको हो रही परेशानियों से जहां मुक्ति मिलेगी वहीं शहर के सौंदर्यीकरण में भी चार-चांद लगेंगे। पन्ना के बस स्टैण्ड में छोटे तबके के लोगों के लिए दुकानों का निर्माण कराया गया था लेकिन वह न के बराबर है। इस गंभीर विषय पर जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों को आगे आना होगा तभी ऐसे तबके के विकास के लिए कारगर प्रयास होगा।

यह भी पढ़े -पेयजल आपूर्ति वाले धरमसागर तालाब में पहुंच रही है गंदगी, कपडा धोना, हवन सामग्री डालना होना चाहिए वर्जित

दुकानों का दर्द उनकी जुबानी

डिब्बा खोलकर किसी तरह परिवार का भर पोषण करता था मेरा डिब्बा हटा दिया गया है अब खुले आसमान में समान रखकर बेचता हूं। मैंने विगत ३० वर्ष तक पीडब्लूडी में सेवायें दीं लेकिन न ही मुझे पेंशन मिलती है और नही मेरा बीपीएल कार्ड है। जिससे मुझे राशन नहीं मिलता है। प्रशासन से मेरी यही मांग है कि एक व्यवस्थित दुकान दें ताकि परिवार का भरण-पोषण कर सकें।

सुदर्शन रजक, इंद्रपुरी कालोनी पन्ना

बाल काटकर किसी तरह अपने बच्चों का भरण-पोषण करते थे प्रशासन के द्वारा डिब्बा हटा दिये जाने से काफी समस्याओं का सामना करना पड रहा है सुबह से पेड के नीचे अपनी दुकान चलाने के लिए मजबूर हूं यदि यह नहीं करूंगा तो मैं अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करूंगा।

यह भी पढ़े -थाना प्रभारी के विरूद्ध पत्रकारों ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन

मुन्नीलाल सेन, कटिंग सैलून

विगत २० वर्षों से गाडियों के पंचर बनाकर किसी तरह से पेट पाल रहा हूं। प्रशासनिक कार्यवाही के बाद रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। सरकार यदि हम गरीबों के लिए दुकान बनाकर दे दे तो अच्छा रहेगा।

रिंकू, निवासी टिकुरिया मोहल्ला

खुले आसमान व कडी धूप में हमारी सब्जी खराब हो जाती है जितना हम दिन भर में कमा नहीं पाते हैं उससे कहीं ज्यादा नुकसान हो जाता है। शासन-प्रशासन को हम जैसे गरीबों के लिए कुछ न कुछ करना चाहिए।

रमेश कुशवाहा, सब्जी विक्रेता वार्ड क्रमांक १३

बालों की कटिंग, दाढी बनाने के अलावा हमने कोई काम भी नहीं सीखा। खुले आसमान में कुर्सी रखकर बाल काटते हैं। धूप में ग्राहक भी कम आते हैं। हम छोटे धंधा करने वाले लोगों की शीघ्र व्यवस्था होनी चाहिए।

मुन्ना सेन, कटिंग दुकान संचालक

इनका कहना है

सब्जी मण्डी व्यवस्थित हो इसके लिए कलेक्टर प्रयासरत हैं जैसे ही जमीन की व्यवस्था हो जाती है। इस संबध में कार्यवाही की जायेगी।

शशिकपूर गढपाले, मुख्य नगर पालिका अधिकारी पन्ना 

Tags:    

Similar News