Panna News: पेयजल आपूर्ति वाले धरमसागर तालाब में पहुंच रही है गंदगी, कपडा धोना, हवन सामग्री डालना होना चाहिए वर्जित

  • पेयजल आपूर्ति वाले धरमसागर तालाब में पहुंच रही है गंदगी
  • कपडा धोना, हवन सामग्री डालना होना चाहिए वर्जित

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-20 08:19 GMT

Panna News: शहर में लोकपाल सागर, निरपत सागर व धरम सागर तालाब से पेयजल आपूर्ति होती है लेकिन इन तालाबों की साफ-सफाई के लिए किसी का ध्यान नही है। जबकि इन प्रमुख प्राचीन तालाबों में गंदगी न हो इसमें लोग अपने घरों से निकलने वाली पूजन सामग्री आदि को न डालें इस पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। धरम सागर तालाब में खुले तौर पर आसपास के झुग्गीवासी और बाहर से आने वाले यात्री शौंच का भी उपयोग कर रहे हैं लेकिन इसको रोकने के लिए कोई कारगर प्रयास नहीं किये जा रहे हैं जबकि यह बहुत जरूरी है क्योंकि इसी तालाब का पानी पेयजल में उपयोग किया जाता है। यदि हम अपने आसपास के बडे शहरों के सरोवरों पर नजर डालें तो वहां पर लोगों को नहाने के लिए तो अनुमति है लेकिन वह नहाने में साबुन का उपयोग इसीलिए नहीं कर सकते जिससे उनके शरीर का निकलने वाले मैल आदि तालाब के अंदर न पहुंच सके। नगर पालिका परिषद के द्वारा तालाब के सामने बोर्ड आदि लगाकर चेतावनी तो लिख दी है लेकिन इसका पालन करवाने वाला कोई नहीं है।

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हालांकि काफी वर्षों से इन तालाबों में दुर्गा प्रतिमायें, गणेश प्रतिमायें, ताजिया विसर्जित करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है जिससे जो तालाब गंदगी से पट जाते थे उससे निजात मिली है लेकिन अभी इन तालाबों में प्रदूषित कचडा भी धडल्ले से डाला जा रहा है। धरम सागर तालाब के समीप साप्तााहिक रविवार का बाजार लगता है और सुबह से सब्जी बेंचने वाले, मांस, मछली बेंचने वाले यहां के घाटों पर बैठकर उसके पानी से धोकर कचडा पानी में डालने का काम कर रहे हैं। यही हालात निरपत सागर तालाब का है जहां के स्थानीय लोग गंदगी फैलाने का काम कर रहे हैं। 

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स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि जो शहर के यह तीनों बडे तालाब हैं जिनका उपयोग जनता के पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाता है उनमें प्रदूषित कचडा न पहुंच इसके लिए कर्मचारियों की सुबह से ड्यूटी लगाकर उसमें रोक लगाई जाये ताकि इन तालाबों की स्वच्छता को बरकरार रखा जा सके व शहरवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। यदि अभी से इन सभी हो रही गलत गतिविधियों पर रोक लगा दी जाये तो गर्मियों के दिनों में ही शहरवासियों को स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता हो सकेगी। तालाबों के किनारे में बैठकर आसामाजिक तत्वों की शराबखोरी पर भी रोक लगाये जाने की आवश्यकता है क्योंकि खाली शराब की बोतलें भी तालाब में पहुंचकर उसको पटाने काम कर रही है। तालाबों की स्वच्छता के लिए प्रशासनिक स्तर पर समय-समय पर जन जागरूकता अभियान चलाये जाने की आवश्कयता है जिस पर निश्चित तौर पर तालाबों में होने वाली गंदगी को भी रोके जाने के लिए कारगर प्रयास हो सकते हैं।

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