छिंदवाड़ा: मोतियाबिंद सर्जरी के बाद बुजुर्ग को दिखाई देना हुआ बंद, पीड़ित के परिजनों ने संस्थान पर लगाए लापरवाही के आरोप
- मोतियाबिंद सर्जरी के बाद बुजुर्ग को दिखाई देना हुआ बंद
- पीड़ित के परिजनों ने संस्थान पर लगाए लापरवाही के आरोप
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद एक बुजुर्ग की आंखों में दिखाई देना बंद हो गया है। यह आरोप पीडि़त बुजुर्ग के परिजनों का है। मामला जुन्नारदेव के पिंडरईकलां पंचायत के ग्राम रामपुर बाकातवा का है। यहां रहने वाले एक बुजुर्ग का जबलपुर की एक संस्थान में ऑपरेशन हुआ था। इसके बाद से उसे दिखाई देना बंद हो गया। गांव की सरपंच और परिजन बुजुर्ग को लेकर सोमवार को जिला अस्पताल के नेत्र विभाग पहुंचे थे। यहां चिकित्सकों द्वारा बुजुर्ग की आंखों की जांच कर इलाज दिया जा रहा है।
पिंडरईकलां सरपंच रामरति सीलू ने बताया कि रामपुर में नेत्र जांच शिविर लगाया गया था। शिविर में बाकातवा निवासी ६० वर्षीय राम सिंह ने आंखों की जांच कराई थी। जांच में मोतियाबिंद होने पर ऑपरेशन की सलाह दी गई थी। संस्थान के लोग ऑपरेशन के लिए उन्हें जबलपुर ले गए थे। ऑपरेशन के बाद उनकी एक आंख से पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो गया। दूसरी आंख में भी मोतियाबिंद होने से अब दोनों आंखों से दिखाई देना बंद हो चुका है। सोमवार को उन्होंने बुजुर्ग राम ङ्क्षसह को जिला अस्पताल लाकर आंखों की जांच कराई है। राम ङ्क्षसह के बेटे रामा दर्शमा का कहना है कि जिला अस्पताल में जांच के बाद बताया गया कि पिता की आंखों में ब्लड जमा होने से दिखाई देना बंद हो गया है।
कहीं पर्दे की जांच में लापरवाही तो नहीं-
बताया जा रहा है कि मोतियाबिंद ऑपरेशन के पहले पर्दे की जांच अनिवार्य है। पर्दे में किसी तरह की खराबी होती है तो ऑपरेशन से पहले मरीज को इससे अवगत कराना होता है। अब यह जांच का विषय है कि राम ङ्क्षसह के पर्दे की जांच हुई थी या नहीं। पीडि़त राम ङ्क्षसह का कहना है कि जबलपुर पहुंचने के दूसरे दिन ऑपरेशन किया गया है।
पर्दे में जमा ब्लड, कराई जा रही जांचें-
मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.बीआर धवन ने बताया कि बुजुर्ग की बाईं आंख का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था। उस आंख के पर्दे में ब्लड जमा हुआ है, जिसकी वजह से दिखाई नहीं दे रहा है। दाईं आंख में मोतियाबिंद पक जाने से उससे भी दिखाई नहीं दे रहा है। वर्तमान में बुजुर्ग की दोनों आंखों से दिखना बंद हो चुका है। पेशेंट को अल्ट्रासाउंड समेत अन्य जांचों के लिए कहा गया है। जांच रिपोर्ट देखने से तय होगा कि पर्दे में ब्लड जमने की क्या वजह है।