Panna News: रेलवे ट्रेक निर्माण में निकल रही हीरा चाल, नीलामी की मांग
- रेलवे ट्रेक निर्माण में निकल रही हीरा चाल, नीलामी की मांग
- सकरिया से पन्ना लाइन के लिए हो रही खुदाई
- गुनौर विधायक ने की प्राप्त ग्रेवल की नीलामी कराने की मांग
Panna News: पन्ना की धरती में बेशकीमती खजाना हीरों के रूप में दफन हैं। लगातार हीरा खदानों में मेहनत करने के बाद लोगों को बहुमूल्य हीरे की प्राप्त होती है। इस कारोबार से जुडे लोगों की मानें तो पन्ना के कुछ ऐसे हैं जहां बेतहाशा हीरा है लेकिन वन भूमि होने के कारण वहीं खदानें संचालित नहीं हो सकती। इसी तरह की वन भूमि पर इन दिनों रेलवे ट्रेक का निर्माण कराया जा रहा है। सकरिया से पन्ना के बीच बनने वाले इस ट्रेक के लिए जंगल की जमीन को खोदा जा रहा है। जहां लाखों घनमीटर हीरा चाल ग्रेवल निकल रही है। बताया जाता है कि रसूखदार लोग इस ग्रेवल का लगातार परिवहन और भंडारण कर रहे हैं। जबकि इसके लिए शासन स्तर पर कोई अनुमति नहीं दी गई है। बावजूद इसके खुलेआम ग्रेवल और पत्थरों का परिवहन हो रहा है। इसी बीच गुनौर विधायक राजेश वर्मा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यही हीरा ग्रेवल की नीलामी कराई जाए तो इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेगें साथ ही हीरा उत्पादन भी बढेगा।
विधायक गुनौर ने इस संबंध में कलेक्टर पन्ना से मुलाकाल तक नीलामी करने की बात कही है। गौरतलब है कि सकरिया, बहेरा और झारखण्डन माता मंदिर के पास का इलाका बेशकीमती हीरों की धरती के लिए विख्यात है। कभी इस क्षेत्र में नायाब हीरे मिला करते थे। पन्ना का सबसे बडा हीरा इसी क्षेत्र में पाया गया था लेकिन वन क्षेत्र होने के चलते यहां व्यापक स्तर पर हीरे की तलाश नहीं हो सकी। लेकिन अब वन क्षेत्र में रेलवे लाइन बिछाने के सहारे जंगल के बडे इलाके को खोदा जा रहा है। ऐसे में उक्त कार्य में लगे ठेकेदार एवं रेलवे के अधिकारियों द्वारा हीरा चाल ग्रेवल और पत्थरों को खुलेआम अन्य स्थान पर भेजा रहा है। खनिज विभाग का कहना है कि पत्थरों के परिवहन और भंडार की कोई अनुमति अभी तक नहीं दी गई है हालाकि इसके लिए आवेदन जरूर प्राप्त हुआ है लेकिन निर्धारित रॉयल्टी जमा नहीं होने के चलते अभी तक अनुमति नहीं दी गई है। गौरतलब है कि बिना अनुमति ही खुलेआम रसूकदार ठेकेदार और रेलवे के अधिकारी खुदाई में निकले वाली सामग्री के परिवहन या भंडारण कर रहे हैं।
अवैध परिवहन और भंडार पर लगे रोक
जिस तरह से रेलवे लाइन से निकले वाली ग्रेवल और पत्थरों का परिवहन और भंडारण हो रहा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुछ ही दिनों में यह बहुमूल्य चाल गायब हो जायेगी। खनिज विभाग और जिला प्रशासन इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है। अनुमान के मुताबिक रेलवे ट्रेक निर्माण के दौरान 20 लाख घन मीटर चाल निकाली जा सकती है। यदि समय रहते इस अवैध करोबार पर अंकुश नहीं लगा तो शासन को करोडों का नुकसान होगा। वहीं यदि खनिज विभाग आम लोगों ने सामान्य प्रक्रिया के तहत इन चाल की नीलामी कराता है तो लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही यहां नायाब हीरे भी मिल सकते हैं। क्योंकि यह वही क्षेत्र है जहां कभी जिले का सबसे बडा हीरा मिला था।
इनका कहना है
मुझे जानकारी मिली है कि रेलवे लाइन में चाल निकाली जा रही है। जिसका अवैध रूप से परिवहन व भंडारण हो रहा है। प्रशासन को सर्वप्रथम इस पर अंकुश लगाना चाहिए साथ ही यदि चाल निकल रही है तो इसकी खुली नीलामी कराई जाए जिससे लोगों रोजगार मिले और शासन को भी राजस्व का फायदा हो। इस संबंध में जल्द ही कलेक्टर पन्ना से मुलाकात करूंगा।
राजेश वर्मा, विधायक गुनौर