Panna News: अब बिना पैथोलॉजिस्ट नहीं होगा लैब का संचालन, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश, पन्ना में नहीं हो रहा अमल
- जिला चिकित्सालय तक में नहीं है पैथोलॉजिस्ट
- अब बिना पैथोलॉजिस्ट नहीं होगा लैब का संचालन
- स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश
Panna News। जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भगवान भरोसे ही चल रहीं हैं आलम यह है कि सामान्य पैथोलॉजी जांच कराने में जहां लोगों को खासी दिक्कतें आती हैं। कहने को जिला अस्पताल में पीपीपी मॉडल के तहत प्राईवेट लैब बनाई गई है लेकिन यहां भी कोई पैथोलॉजिस्ट नहीं है। यही कारण है कि लोग जांच के लिए भटकते हैं और अंत में अन्य शहरों की ओर जाने को मजबूर होते हैं। सक्षम लोग तो बाहर चले जाते हैं लेकिन आम लोगों को परेशान होना पडता है। विदित हो कि विगत दिनों अवैध पैथोलॉजी के मामले में उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 3721/02 में पैथोलॉजी के संबंध के संबंध में निर्देश दिए हैं। इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि बिना पैथोलॉजिस्ट लैब का संचालन नहीं किया जायेगा। बताया जाता है कि अब पैथोलॉजी लैब केवल योग्य और पंजीकृत पैथोलॉजिस्ट ही चला सकेंगे। टेक्नीशियन को इसका संचालन करने का अधिकार नहीं होगा। पन्ना जिले में भी अधिकांश पैथोलॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर का संचालन टेक्नीशियन द्वारा ही किया जा रहा है। यह प्रथा न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि आमजन की स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न खडा करती है। बिना पैथोलॉजिस्ट के संचालित इन लैबों में जांच रिपोर्ट की सटीकता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठते हैं जिससे मरीजों के सही उपचार में बाधा उत्पन्न हो सकती है। राज्य सरकार ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि पैथोलॉजी लैब में केवल पंजीकृत पैथोलॉजिस्ट ही पूरे समय उपस्थित रहेंगे और संचालन करेंगे। इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पैथोलॉजी लैब का संचालन सही और प्रमाणित पैथोलॉजिस्ट द्वारा ही किया जाए। यह निर्देश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि पैथोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति में दी जाने वाली जांच रिपोर्टें अमान्य मानी जाएंगी। प्रदेश के कई शहरों में यह देखा गया है कि पैथोलॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर का संचालन केवल टेक्नीशियन द्वारा किया जाता है जिनके पास विधिवत प्रशिक्षण और पंजीकरण नहीं होता। इसके कारण आमजन को गुणवत्तापूर्ण जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो पातीं और गलत रिपोट्र्स के कारण चिकित्सा संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
15 दिन में होनी थी कार्यवाही, नहीं हुआ अमल
बिना पैथोलॉजिस्ट के चल रहे कलेक्शन सेंटर और लैब पर कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे जिन पर पन्ना में कोई अमल होता नहीं दिख रहा है। जिले में कई पैथोलॉजी लैब बिना पंजीकृत पैथोलॉजिस्ट के संचालित हो रही हैं। इन लैबों में जांच कराने वाले मरीजों को यह पता ही नहीं होता कि उनकी रिपोर्ट कितनी सटीक है। निजी पैथोलॉजिस्ट को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी प्रयोगशाला अथवा विजिटिंग पैथोलॉजिस्ट के रूप में किसी अन्य शहर में जाकर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। इस नए नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। राज्य सरकार ने सभी निजी पैथोलॉजी लैब संचालकों को 15 दिनों के भीतर अपने लैब का पंजीकरण कराने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि लैब में पंजीकृत पैथोलॉजिस्ट पूरे समय उपस्थित रहें। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा जारी निर्देश में पूर्णकालिक पैथोलॉजिस्ट के बिना संचालित लैब पर कार्यवाही बात की गई है लेकिन पन्ना में आज भी बे-रोकटोक लैब संचालित हो रहीं है। जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील क्षेत्र में तो लैब के नाम पर मनमानी की जा रही है जिस पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है।
इनका कहना है
मध्य प्रदेश शासन के आदेश आने के बाद सभी पैथोलॉजी संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं और जो प्रपत्र शासन से आया था उसमें चाही गई जानकारी मंगाई गई है जिसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। जानकारी के साथ पैथोलॉजी संचालकों से शपथ पत्र भी अनिवार्य रूप से देने के लिए कहा गया है।