पुलिसवालों से दोस्ती कर बचता रहा मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर विजय यादव
पुलिसवालों से दोस्ती कर बचता रहा मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर विजय यादव
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। नरसिंहपुर पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर विजय यादव दो लोगों की हत्या करने के बाद से फरार था ।जानकारों के अनुसार गैंगस्टर विजय के कई पुलिस अधिकारियों से संंबंध थे और इसी के चलते उसे पकड़ पाना मुश्किल हो रहा था। कई मौकों पर पुलिस ने उसे पकड़ने का पूरा इंतजाम किया, लेकिन जिले में वर्षों से जमे कुछ निचले स्तर के अधिकारियों से यारी होने के कारण विजय पुलिस के चंगुल में नहीं आ पा रहा था। करीब दो साल पहले 4 जनवरी 2017 की रात कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गोपाल बाग के पास कांग्रेस नेता व एक कुख्यात बदमाश की हत्या के मामले में फरार गैंगस्टर विजय यादव और उसका साथी समीर खान नरसिंहपुर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। दोहरे हत्याकांड के बाद से फरार विजय यादव व उसकी गैंग शहर में अवैध वसूली व आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रही थी, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही थी।
वर्चस्व को लेकर झगड़ा था
सूत्रों के अनुसार गैंगस्टर विजय यादव गैंग का कुख्यात बदमाश कक्कू पंजाबी से वर्चस्व को लेकर झगड़ा था। इसी के चलते विजय यादव ने उसकी हत्या की योजना बनाई थी। 4 जनवरी 2017 की रात गोपाल बाग के पास हुई गैंगवार में उसने कक्कू पंजाबी व कांग्रेस नेता राजू मिश्रा की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के लिए उसने यूपी से शूटर बुलाए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद से वह फरार चल रहा था और जबलपुर पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी के लिए 30 हजार का इनाम घोषित किया गया था। जानकारों के अनुसार वह शहर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था और इसकी भनक नरसिंहपुर पुलिस को लगी और पुलिस ने सुआतला थाना क्षेत्र में एनएच 12 के पास कुमरोडा गाँव में उसे व उसके साथी समीर खान को पकडऩे की योजना बनाई थी। बीती दरमियानी रात पौने 4 बजे के करीब पुलिस की पकड़ में आता देख विजय व उसके साथी ने पुलिस पर फायरिंग की और फिर बचाव में पुलिस टीम द्वारा की गयी फायरिंग में विजय व उसका साथी समीर उर्फ सौरभ खान मारा गया। नरसिंहपुर में हुए एनकाउंटर की खबर पाते ही दोनों के परिजन वहाँ पहुँचे और शवों को देर रात जबलपुर लाया गया। उधर इस घटना को लेकर जबलपुर पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है।
दो दर्जन से अधिक संगीन मामले
सूत्रोंं के अनुसार विजय यादव की गैंग का खौफ पूरे महाकौशल में था। विजय ने कुछ वर्षों पहले गोरखपुर व्यापारी संघ अध्यक्ष बिट्टू मिनोचा की हत्या की थी उसके बाद वह सुर्खियों में आया था। उसके बाद से वह बेखौफ होकर वारदात को अंजाम देकर शहर में आतंक का पर्याय बन गया था। उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा, अवैध वसूली के दो दर्जन से अधिक मामले गोरखपुर, सिविल लाइन, कोतवाली, गढ़ा थानों में दर्ज थे।
15 हजार का इनामी था समीर
सूत्रों के अनुसार गोहलपुर अजीजगंज पसियाना निवासी समीर पिता कल्लू मुसलमान उम्र 30 वर्ष के खिलाफ 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें करीब डेढ़ दर्जन मामले हनुमानताल थाने में दर्ज हैं। वह क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुका था और वह दोहरे हत्याकांड में भी शामिल था। उसकी गिरफ्तारी के लिए आईजी द्वारा 15 हजार का इनाम घोषित किया गया था।