यूनिवर्सिटी की सफायी - उत्तर पुस्तिका में भूल के चलते 216 विद्यार्थियों को शून्य नंबर
मुंबई यूनिवर्सिटी की सफायी - उत्तर पुस्तिका में भूल के चलते 216 विद्यार्थियों को शून्य नंबर
डिजिटल डेस्क, मुंबई. यूनिवर्सिटी के बैचलर ऑफ मैनेजमेंट के तृतीय वर्ष के पांचवें सत्र के नतीजों में 200 से ज्यादा विद्यार्थियों को कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन एंड पब्लिक रिलेशन विषय में शून्य अंक मिलने के दावों को यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने गलत बताया है। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता (परीक्षा विभाग) विनोद मलाले ने बताया कि विद्यार्थियों को शून्य नंबर नहीं मिले हैं। फिलहाल नंबर इसलिए नहीं दिए गए हैं, क्योंकि उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं में तकनीकी गड़बड़ी कर दी है। परीक्षा के दौरान जिन विद्यार्थियों ने गलत बारकोड, सीट नंबर लिखा है या दूसरी तकनीकी गड़बड़ियां की हैं उनके नतीजे जारी नहीं किए गए हैं और उसे रिजर्व रखा गया है। इन विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच मैन्युअली की जाएगी। इसके बाद मिले अंक उनकी मार्कशीट में जोड़े जाएंगे। मलाले ने कहा कि विद्यार्थियों की ओर से हुई तकनीकी गड़बड़ी के चलते फिलहाल उन्हें ऑनलाइन शून्य नंबर दिख रहे हैं। इसे आगे ठीक कर दिया जाएगा। टीवाईबीएमएस तृतीय वर्ष के 216 विद्यार्थियों ने कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन एंड पब्लिक रिलेशन विषय में शून्य नंबर मिलने पर हैरानी जताई थी। पत्र लिख कर यूनिवर्सिटी इन छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन का अनुरोध किया था।
युवा सेना के राजन कोलंबेकर ने बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को शून्य नंबर मिलने पर हैरानी जताई थी। उन्होंने यूनिवर्सिटी के परीक्षा और मूल्यमापन विभाग के प्रभारी संचालक डॉ. प्रसाद कारंडे को पत्र लिख मामले की जांच की मांग की थी। इसके बाद अब यूनिवर्सिटी ने साफ किया है कि विद्यार्थियों को शून्य नंबर नहीं मिले, बल्कि तकनीकी समस्या के चलते फिलहाल उनके नंबर शून्य दिख रहे हैं।