TRP मामले की जांच तीन माह में होगी पूरी, अर्णब की गिरफ्तारी से पहले दिया जाए नोटिस - हाईकोर्ट
TRP मामले की जांच तीन माह में होगी पूरी, अर्णब की गिरफ्तारी से पहले दिया जाए नोटिस - हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि यदि टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) मामले को लेकर पुलिस पत्रकार अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करना चाहती है, तो वह उन्हें तीन दिन पहले नोटिस दे। हाईकोर्ट ने यह निर्देश एआरजी आउटलर लिमिटेड और गोस्वामी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में इस मामले की जांच सीबीआई अथवा स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौपने का निर्देश देने की मांग की गई है।
इससे पहले सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटाले की खंडपीठ के सामने कहा कि पुलिस इस प्रकरण की जांच 12 सप्ताह में पूरा कर लेगी। इस लिए पुलिस को जांच के लिए समय दिया जाए। जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया और कहा कि पुलिस अर्णब को गिरफ्तार करने से तीन दिन पहले नोटिस जारी करे।
याचिका में दावा किया गया है कि पुलिस के खिलाफ एआरजी के कर्मचारियों व अर्णब के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। जिसके चलते अर्णब को इस प्रकरण से जुड़े आरोपपत्र में संदिग्ध आरोपी दिखाया गया है। और पुलिस जांच को लंबा खीच रही है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंदरगी ने खंडपीठ के सामने आग्रह किया कि जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक उनके मुवक्किल को पुलिस की कड़ी कार्रवाई से बचाया जाए।
इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल हम मामले की जांच पर रोक नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कौन इस मामले में आरोपी है और कौन नहीं। इसलिए जांच के दौरान यदि पुलिस अर्णब को गिरफ्तार करना चाहती है अथवा कोई कड़ी कार्रवाई करना चाहती तो उन्हें 72 घंटे पहले नोटिस जारी करे। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 28 जून 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है।