Mumbai News: एनआईए चीफ रहे अतुलचंद्र कुलकर्णी की मैट में नियुक्ति, रश्मि शुक्ला ने फिर से संभाला महाराष्ट्र डीजीपी का कार्यभार
- इमरजेंसी सर्टिफिकेट पर भारत लौटने वाले 2,200 लोग भी जांच के घेरे में रहे
- 7,000 संदिग्ध वाहनों का डेटा तैयार किया था
- रश्मि शुक्ला ने फिर से संभाला महाराष्ट्र के डीजीपी का कार्यभार
Mumbai News : चाहे 1993 के अंडरवर्ल्ड द्वारा कराए गए मुंबई बम धमाके हों या इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा गुजरात में कराया गया बम ब्लास्ट, ज्यादातर केसों में कारों/स्कूटर का ही इस्तेमाल हुआ था। इसलिए महाराष्ट्र एटीएस ने आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए जो कई कदम उठाए, उनमें एक था संदिग्ध वाहनों का डेटाबेस तैयार करना। जिनके समय में यह डेटाबेस सबसे ज्यादा तैयार किया गया, उन अतुलचंद्र कुलकर्णी को राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (मैट) की मुंबई ब्रांच में प्रशासनिक सदस्य के रूप में नियुक्ति की है। उन्होंने सोमवार को पदभार भी ग्रहण कर लिया। वह चार साल तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे। कुलकर्णी ने मुंबई क्राइम ब्रांच चीफ, महाराष्ट्र एटीएस चीफ और एनआईए में स्पेशल डायरेक्टर जनरल के तौर पर भी काम किया है। वह महाराष्ट्र जेल के भी चीफ रहे और उन्होंने आईबी में भी लंबी पारी खेली। एटीएस चीफ के तौर पर उन्होंने 7 हजार संदिग्ध वाहनों का डेटाबेस तैयार करवाया था। यही नहीं, इमरजेंसी सर्टिफिकेट (ईसी) पर भारत लौटने वाले 2,200 युवकों को भी सर्विलांस पर रखा था। एटीएस में काम कर चुके एक अधिकारी ने बताया कि इमरजेंसी सर्टिफिकेट वह होता है, जिसमें विदेश में रह रहे किसी व्यक्ति का वीसा खत्म हो जाता है और फिर भी वह वहां किसी वजह से रह रहा होता है। यदि कोई पासपोर्ट एक्सपायर होने के बाद भी उस देश में रहता पाया गया, तो ऐसे लोगों को उस देश में भारतीय दूतावास इमरजेंसी सर्टिफिकेट बनाकर देता है और वापस देश भेज देता है। ऐसे लोगों के भारत भेजे जाने पर उनके राज्य की पुलिस उनसे सवाल पूछती है। इनमें से अधिकांश की जमीनी स्तर पर जांच की जाती है। यदि उन पर फिर भी शक बरकरार रहा, तो उन्हें लंबे समय तक सर्विलांस पर रखा जाता है। कुलकर्णी के कार्यकाल में लगभग 1,500 लुकआउट नोटिस जारी किए गए थे, ताकि महाराष्ट्र एटीएस के शक के घेरे में आए व्यक्तियों की विदेश से आगमन/प्रस्थान पर निगरानी रखी जा सके। जेल-इंडस्ट्री को ऑनलाइन करने की परिकल्पना भी उन्हीं की थी। यानी जेलों में कैदियों द्वारा बनाए गए सामान का सोशल मीडिया के जरिए प्रचार किया जाए और इन सामान को ई-कॉमर्स साइट्स के माध्यम से बेचा जाए।
रश्मि शुक्ला ने फिर से संभाला महाराष्ट्र के डीजीपी का कार्यभार
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की वरिष्ठ अधिकारी रश्मि शुक्ला ने मंगलवार को महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्यभार फिर से संभाल लिया। विपक्षी दलों की शिकायत के मद्देनजर 4 नवंबर को चुनाव आयोग ने डीजीपी पद से शुक्ला को हटा दिया था। विधानसभा चुनाव के नतीजे की घोषणा के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार शाम शुक्ला को इस पद पर बहाल करने का आदेश जारी किया। शुक्ला के कार्यभार संभालने के बाद 20 दिन से डीजीपी की जिम्मेदारी संभाल रहे आईपीएस संजय वर्मा को वापस टेक्निकल विभाग का डीजी बना दिया गया है। रविवार को शुक्ला उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिली थीं। इस पर विपक्षी दलों के नेताओं ने सवाल उठाए हैं।