Mumbai News: दानवे बोले - ठाकरे को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करते तो ये दिन न देखना पड़ता, राऊत ने प्रियंका को बताया शेरनी
- महाआघाडी को फायदा हो सकता था
- कांग्रेस के नेता हो गए थे अतिआत्मविश्वास का शिकार
Mumbai News : विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाडी को मिली हार के बाद अब आघाडी के दलों में ही आपस में ठन गई है। पिछले दो दिनों से शिवसेना (उद्धव) अपने सहयोगी कांग्रेस पर हमलावर है। शिवसेना (उद्धव) नेता अंबादास दानवे ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाता तो महाविकास आघाडी की सीटों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती थी। लेकिन कांग्रेस के नेता अतिआत्मविश्वास का शिकार हो गए। हालांकि दानवे के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि यह समय आपसी मतभेद का नहीं है, बल्कि लोकतंत्र को बचाने का है।
अंबादास दानवे ने बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आगामी चुनाव अकेले लड़ने की बात कही थी। अब गुरुवार को एक बार फिर कांग्रेस नेताओं पर हल्लाबोल करते हुए दानवे ने कहा कि चुनाव से पहले ही कांग्रेस के नेता विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा कर रहे थे। यह सिर्फ अतिआत्मविश्वास के चलते हो रहा था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कांग्रेस के 10 नेता मुख्यमंत्री पद के नाम पर चर्चा कर रहे थे। दानवे ने कहा कि अगर उस समय उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करके चुनाव लड़ा जाता तो महाआघाडी ज्यादा सीटें जीत सकती थी। दानवे ने एक बार फिर एकला चलो (अकेले चलने) का नारा देते हुए कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं की राय है कि हमें आगामी चुनाव अकेले लड़ने चाहिए। ऐसे में अगर शिवसेना (उद्धव) राज्य में आगामी चुनावी अकेली लड़ती है तो फिर महाआघाडी का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री विश्वजीत कदम ने दानवे के बयान पर कहा कि हर किसी की अपनी राय हो सकती है। लेकिन यह समय आपसी झगड़े और मनमुटाव का नहीं है। कदम ने कहा कि फिलहाल महाविकास आघाडी का फोकस राज्य में हुए मतदान के हेरफेर पर होना चाहिए। कदम ने कहा कि कांग्रेस ने मतदान प्रतिशत में हुए घालमेल को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। हम बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए बड़ी मुहिम शुरू करने जा रहे हैं। उधर लगातार 2 दिन कांग्रेस के खिलाफ बयान देने वाले दानवे को लेकर शिवसेना (उद्धव) के किसी वरिष्ठ नेता की प्रतिक्रिया भी सामने नहीं आई है। ऐसे में दानवे के बयान को उद्धव गुट का बयान माना जा रहा है।
संजय राउत ने प्रियंका गांधी को बताया ‘शेरनी’
महाराष्ट्र चुनाव में महाविकास आघाड़ी की मिली करारी हार के बाद अब भले ही कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के रास्ते अलग-अलग होते दिख रहे हैं, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा में शेरनी का रूप दिख रहा है। गुरूवार को वायनाड से लोक सभा के लिए चुनी गईं प्रियंका वाड्रा ने सदन की सदस्यता की शपथ ली। इस दौरान संजय राउत ने प्रियंका को ‘शेरनी’ करार दिया।
प्रियंका गांधी के शपथ लेने के बाद संजय राउत ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “शेरनी संसद में आ गई”। लोकसभा में आज नांदेड़ से नवनिर्वाचित सदस्य रवीन्द्र चव्हाण ने भी सदस्यता की शपथ ली। लेकिन राउत की नजर प्रियंका गांधी पर थी और उन्होंने कांग्रेस महासचिव को शेरनी करार दिया। हिंदी में सदस्यता ग्रहण करने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि जनता के जरूरी मुद्दों को उठाना, देश और पार्टी के लिए काम करना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी तथा वह संविधान के उसूलों के लिए लड़ाई लड़ेंगी।
आघाड़ी से अलग होगी शिवसेना (यूबीटी)!
उधर राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) का इकट्ठे रहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि वृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से पहले दोनों दल अलग-अलग रास्ता अख्तियार कर सकते हैं, क्योंकि दोनों दलों का वोटबैंक अलग-अलग है। मुंबई में शिवसेना को गठबंधन का फायदा नहीं मिलेगा। लिहाजा अपना अस्तित्व बचाने के लिए शिवसेना (यूबीटी) महाविकास आघाड़ी से अलग होने का फैसला कर सकती है।