सड़क हादसे में घायल हुए युवक को महीनो बाद भी नही मिला क्लेम

ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी सड़क हादसे में घायल हुए युवक को महीनो बाद भी नही मिला क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-02 11:43 GMT
सड़क हादसे में घायल हुए युवक को महीनो बाद भी नही मिला क्लेम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। सड़क हादसे में घायलों को भी बीमा कंपनी राहत नही दे रही है। अस्पताल में कैशलेस नही किया जाता है और बिल सबमिट करने पर क्लेम देने के बजाएं उसमें अनेक क्वेरी निकालकर पॉलिसी धारक को परेशान किया जाने लगता है। यह स्थिति किसी एक के साथ नही हो रही है बल्कि अनेक लोगों के साथ इसी तरह का व्यवहार किया जा रहा है। टोल फ्री नंबरो में बात करे या फिर मेल किया जाए पर किसी तरह की सुनवाई बीमा कंपनी के द्वारा नही की जा रही है। बीमितों के आरोप है कि बीमा कंपनी की टीपीए के द्वारा उपभोक्ताओं के साथ गोलमाल करने में लगी हुई है। पीडि़तो के द्वारा जिम्मेदारो के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की जा रही है। 

इन नंबरो पर बीमा से संबंधित समस्या बताएं-

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी हे तो आप दैनिक भास्कर जबलपुर के मोबाइल नंबर 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घडी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। 

निजी अस्पताल में चला इलाज पर नही दिया क्लेम-

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी राजू राजभर ने अपनी शिकायत में बताया कि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा था। वे जबलपुर में सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। इलाज के लिए दमोहनाका स्थित निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे। इलाज के दौरान उन्होंने बीमा कंपनी का कार्ड दिया तो बीमा कंपनी ने कैशलेस से मना कर दिया था। बीमित को अपने खर्च पर पूरा इलाज कराना पड़ा था। दोनों पैर फैक्चर होने के कारण वे घर पर आराम कर रहे थे। परिजनों के द्वारा बीमा कंपनी में सारे बिल सम्मेट किए गए तो बीमा कंपनी ने अनेक क्वेरी निकाली। बीमा अधिकारियों को सत्यापित कराकर सारे दस्तावेज दिए गए पर महीनो बाद भी बीमा क्लेम सेटल नही किया जा रहा है। बीमित का आरोप है कि बीमा कंपनी के जिम्मेदार आम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नही कर रहे है। यहीं कारण है कि उन्हें परेशान होना पड़ रहा है और जल्द निराकर नही किया गया तो वे कंज्यूमर कोर्ट में जाएगा। वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधी से संपर्क किया गया तो बीमा अधिकारियों ने टीपीए से परीक्षण कराने के बाद उचित उत्तर देने की बात की है।
 

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