ब्लैक फंगस का इंजेक्शन लगते ही काँपने लगे मरीज, मचा हड़कम्प
ब्लैक फंगस का इंजेक्शन लगते ही काँपने लगे मरीज, मचा हड़कम्प
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मेडिकल कॉलेज में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों में रविवार को इंजेक्शन लगने के बाद कई तरह के साइड इफैक्ट सामने आने लगे। शुरुआत में 2 मरीजों में बुखार और कँपकँपी की शिकायत हुई और इसके बाद अन्य मरीजों में तेजी से बेचैनी, घबराहट, उल्टी और बुखार के लक्षण नजर आए। कई मरीज काँपने लगे। वार्ड के सीनियर डॉक्टर्स को जैसी इसकी खबर लगी, फौरन अन्य डॉक्टर्स को सूचना दी गई। वार्ड प्रभारी डॉ. कविता सचदेवा के अनुसार सागर मेडिकल कॉलेज में मरीजों को इंजेक्शन लगने के बाद आए साइड इफैक्ट की खबर की जानकारी लगने के बाद उन्होंने वार्ड में स्टाफ को निर्देशित किया कि मरीजों को इंजेक्शन न दें, लेकिन तब तक वार्ड क्र. 5 और 20 में मरीजों को इंजेक्शन ड्रिप के माध्यम से चढ़े 10 मिनट हो चुका था। इसके बाद फौरन इंजेक्शन रोक दिए गए। थोड़ी ही देर में साइड इफैक्ट्स सामने आए, तो मरीजों और परिजनों के बीच हड़कंप की स्थिति बन गई। ईएनटी, मेडिसिन, एनिस्थीसिया विभागों के डॉक्टर्स ने फौरन पहुँचकर मोर्चा संभाला। स्थिति को सामान्य होने में लगभग 3 घंटे लग गए। घटना के बाद इंजेक्शन पर रोक लगा दी गई है।
61 मरीजों को लगा इंजेक्शन-
डॉ. सचदेवा ने बताया कि जब इंजेक्शन को रोकने के लिए कहा गया, तब तक 61 मरीजों को इंजेक्शन दिए जा चुके थे। इनमें से 50 मरीजों में साइड इफैक्ट्स सामने आए। सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों की इसकी सूचना दी गई और सभी ने समय रहते मोर्चा संभाल लिया। सभी मरीज अब स्वस्थ हैं।
इंदौर और सागर में पहले आया रिएक्शन-
मध्य प्रदेश के इंदौर और सागर जिले में सबसे पहले इन इंजेक्शन का रिएक्शन सामने आया। यहाँ के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन लगते ही ठंड लगना शुरू हो गई, यहाँ तक कि कुछ मरीजों को उल्टी-दस्त होने की भी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जबलपुर में ये इंजेक्शन, सागर और इंदौर के बाद दिए गए, तब तक इंदौर और सागर में हुए रिएक्शन की खबरें आने लगीं थीं।
एक दिन पहले ही मिले थे 1 हजार इंजेक्शन-
बताया जा रहा है कि एफीटिरिसिन बी नाम का यह इंजेक्शन हिमाचल प्रदेश की एफी फार्मा से मप्र सरकार ने खरीदा है। इंजेक्शन की कीमत करीब 300 रुपये बताई जा रही है। मेडिकल कॉलेज में इससे पहले जो इंजेक्शन शासन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा था वह काफी महँगा था, जिसके कोई साइड इफैक्ट्स सामने नहीं आए। एक दिन पहले ही 1 हजार इंजेक्शन मेडिकल को उपलब्ध कराए गए हैं और इन्हीं इंजेक्शन के लगने के बाद मरीजों की तबीयत बिगड़ी है।
50 एमएल की है वॉयल-
बताया जा रहा है कि इंजेक्शन की वॉयल 50 एमएल की है, जिस पर इंस्टीट्यूशन यूज ओन्ली लिखा है। एफी फार्मा एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन फॉर्मूले को एफीटिरिसिन बी नाम से बना रही है।
एक-दूसरे की मदद के लिए आए आगे-
वार्ड में जैसे ही मरीजों पर इंजेक्शन के दुष्प्रभाव सामने आए, शुरुआत में मरीज समेत परिजन घबरा गए। इसके बाद जब तक डॉक्टर्स पहुँचे, परिजनों ने मोर्चा संभाले हुए एक-दूसरे के मरीजों की मदद करना शुरू दी। जिसे ज्यादा कंबलों की जरूरत थी, उसे कंबल दिए। किसी के सिर पर हाथ रखकर ढाँढस बँधाया, तो किसी ने स्टाफ की मदद की। अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेश तिवारी ने मौके पर पहुँचकर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्टोर खुलवाकर जरूरी दवाएँ और संसाधन उपलब्ध कराए। पी-4
इंजेक्शन पर लगाई रोक-
इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन-बी का रिएक्शन होना सामान्य बात है। मेडिकल कॉलेज जबलपुर में मरीजों को इसका कुछ रिएक्शन हुआ। कुछ को ठंड लगी, कुछ को कँपकँपी लगी, कुछ को घबराहट हुई। जिसके बाद तुरंत उपचार दिया गया। वर्तमान में सभी मरीज ठीक हैं। इंजेक्शन पर तुरन्त रोक लगा दी गई है।
-डॉ. पीके कसार, डीन मेडिकल कॉलेज