जबलपुर के जिस अस्पताल के नाम से कोविशील्ड के 10 हजार डोज का ऑर्डर वह रिकॉर्ड में है ही नहीं
जबलपुर के जिस अस्पताल के नाम से कोविशील्ड के 10 हजार डोज का ऑर्डर वह रिकॉर्ड में है ही नहीं
डिजिटल डेस्क जबलपुर। सीरम इंस्टीट्यूट को 10 हजार कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन का ऑर्डर जबलपुर के मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट की ओर से दिया गया। इस इंस्टीट्यूट को कोरोना वैक्सीन मिलती और यहाँ पर वैक्सीनेशन आरंभ होता इसके पहले भोपाल से हेल्थ डिपार्टमेंट से जानकारी माँगी गई। भोपाल से मिले निर्देश के बाद लोकल स्तर पर वैक्सीनेशन अधिकारी ने जब इसकी छानबीन की तो पता चला की मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट नाम को कोई भी हॉस्पिटल शहर में पंजीकृत नहीं है। इस नाम से ऑर्डर जरूर प्लेस िकया गया जिसमें उल्लेख है िक 10 हजार डोज मँगाए गए पर यह कहाँ पर स्थित है इसका कोई पता भी नहीं मिला। इस मामले को लेकर मंगलवार को दिन भर चर्चाओं का दौर चला। आखिर इस नाम से ऑर्डर क्यों प्लेस िकया गया। यह वैक्सीन के दुरुपयोग या भ्रम फैलाने की किसी तरह की शरारत तो नहीं है। फिलहाल अभी यह भी क्लियर नहीं है कि इस इंस्टीट्यूट को वैक्सीन मिली या नहीं।
सीधे खरीद सकते हैं वैक्सीन -
स्वास्थ्य विभाग ने शहर के ऐसे सभी निजी अस्पतालों के जिम्मेदार लोगों को जोड़कर ग्रुप बनाया है जो कोरोना वैक्सीन िनर्माता कंपनी से वैक्सीन खरीदना चाहते हैं। इस ग्रुप में सीरम इंस्टीट्यूट के सभी नंबर हैं। इनसे संपर्क कर ऑर्डर दिया जा सकता है। जितना भी ऑर्डर निजी अस्पतालों की ओर से दिया जाएगा टीकाकरण अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होगी। सीधे तौर पर निजी अस्पताल कोरोना की वैक्सीन सीमित दायरे में निर्माता कंपनी से खरीद सकते हैं।
रिपोर्ट के आधार पर मिलेगी वैक्सीन -
किसी भी निजी अस्पताल को वैक्सीन के डोज जिला टीकाकरण अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर ही जारी िकये जायेंगे। इसमें टीकाकरण अधिकारी यह तय करता है कि जो वैक्सीन मँगाई गई हैं वह हॉस्पिटल उनको सुरक्षित रखा सकता है कि नहीं। मानकों का पालन इसमें िकया जा रहा है या नहीं। जब वैक्सीनेटर अधिकारी की एनओसी मिलेगी तभी ऑर्डर को फाइनल िकया जाएगा। मैक्स हेल्थ केयर के जिस ऑर्डर की चर्चा हो रही है उसके विषय में यहाँ से सूचित कर दिया गया था कि यहाँ ऐसा हॉस्पिटल नहीं है।
15 दिन पहले माँगी जानकारी -
25 मई को भोपाल से जानकारी माँगी गई और 3 दिनों तक इस अस्पताल के विषय में हेल्थ िडपार्टमेंट ने जानकारी कलेक्ट की। किसी तरह का विवरण न मिलने पर 28 मई को भोपाल जानकारी भेज दी गई। सवाल यह उठता है िक अस्पताल यदि है नहीं तो ऑर्डर कैसे प्लेस हो गया और शंका कैसे जाहिर की गई। कई तरह के सवाल हैं जिनका जवाब नहीं मिल रहा। पी-4
हमने स्पष्ट विवरण भेजा -
हमने पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया कि जिस नाम से ऑर्डर प्लेस िकया गया वैसा कोई हॉस्पिटल हमारे शहर में नहीं है। वैक्सीन यदि जबलपुर आई होती तो प्रक्रिया के तहत इसकी सूचना हमें जरूरी दी जाती। निजी अस्पतालों को वैक्सीन खरीदने के लिए हमने नंबर उपलब्ध कराये हैं। निर्धारित मापदण्ड के तहत यह खरीद सकते हैं। यदि ये टीके लगाये भी जाते तो इसकी आईडी हम जनरेट करते। विभाग की जानकारी के वगैर वैक्सीनेशन नहीं किया जा सकता है।
-डॉ. एसके दाहिया टीकाकरण अधिकारी