स्टेट हाइवे में एक तरफ दलदल दूसरी ओर बड़े वाहन दो घंटे लगा रहा जाम, टाइम से स्कूल नहीं पहुंचे बच्चे
शहडोल स्टेट हाइवे में एक तरफ दलदल दूसरी ओर बड़े वाहन दो घंटे लगा रहा जाम, टाइम से स्कूल नहीं पहुंचे बच्चे
डिजिटल डेस्क, शहडोल। सीवरेज कार्य के तहत मुडऩा नदी के पास ट्रीटमेंट प्लांट तक बिछाई जा रही पाइप लाइन के कार्य में निर्माण एजेंसी द्वारा पूरी तरह सुरक्षा मापदण्डों की अनदेखी की जा रही है। भरी बरसात में मिट्टी की खुदाई कराने के कारण शहडोल-रीवा स्टेट हाइवे में हर समय जाम की स्थिति बन रही है। गुरुवार की सुबह तो हद हो गई। सुबह करीब 8 बजे से 10 बजे तक जाम लगा रहा। राजा बाग के आगे कोनी मोड़ के पास सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए। यहां से लेकर पिपरिया के थोड़ा पहले तक जाम लग गया। जाम में बड़ी संख्या में लोग फंस गए। पिपरिया, छतवई आदि गांवों से शहर के स्कूल आने वाले बच्चे व उनके अभिभावक जाम में फंसे रहे। अनेक छात्र समय पर स्कूल भी नहीं पहुंच पाए। इसके अलावा नौकरीपेशा, सब्जी वाले, दूध वाले और अन्य सामग्री की बिक्री करने वाले लोग जाम में फंसे रहे। आश्चर्य की बात रही कि जाम सोहागपुर थाने के सामने लगा था लेकिन व्यवस्था सुधारने कोई नजर नहीं आया।
दिन में कई बार लगता है जाम
इस समय जहां पर खुदाई की जा रही है वह शहडोल-रीवा और शहडोल-सतना स्टेट हाइवे है। मोटी पाइप बिछाने के लिए 10 फिट तक की गहराई के करीब 4 फिट चौड़ा गड्ढा मशीन से कराया जा रहा है। जहां पाइप बिछा दी गई है उसे मिट्टी से भरा गया है। रोज हो रही बरसात के कारण मिट्टी गीली होकर दलदल का रूप ले चुकी है। वहां से गुजरा नहीं जा सकता। ऐसी स्थिति में जो जगह बचती है वहां से बमुश्किल एक वाहन ही निकल सकता है। दोनों ओर से चार पहिया वाहन आने से जाम लग जाता है। बुधवार की शाम को भी जाम लगा था।
सुरक्षा का बिलकुल भी नहीं रखा जा रहा ध्यान
> गुरुवार को पिपरिया की ओर से आकर जाम में फंसे मनोज परौहा, भरत यादव, अनिमेष परौहा ने बताया कि बच्चों को स्कूल छोडऩे जाना था, लेकिन लेट हो गए।
> विनोद मिश्रा, नायूड खान ने बताया कि एक ओर दलदल बना है, दूसरी ओर वाहन निकलने की जगह नहीं। जाएं तो कहां जाएं।
> समाजसेवी शानउल्ला खान का कहना है कि स्टेट हाइवे में जिस प्रकार खुदाई की जा रही है वह सुरक्षा मानकों के विपरीत है।
> खुदाई के पहले सडक़ में इस प्रकार को मजबूत बैरीकेट्स लगाया जाना चाहिए ताकि वाहन उसमें न गिरने पाएं।
> जो बैरीकेट लगाए जा रहे हैं वह नाकाफी है। छोटे वाहन भी उससे रुकने वाले नहीं है।
> लोगों की कहना है कि बरसात के समय यह काम बंद रहना चाहिए, ताकि कीचड़ से परेशानी न हो।
पाइप डालने का कार्य 50-60 मीटर तक हो जाने के बाद रोलर चलवाकर समतलीकरण कराया जाएगा। सुरक्षा मानकों को ओर बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे।