Shahdol News: जिले में 50 करोड़ का भुगतान बकाया, मांग पर अड़े मिलर

  • उपार्जन से पहले खटाई में धान मिलिंग
  • मिलर्स मांग कर रहे हैं कि पहले पिछला भुगतान कर मांगों को पूरा किया जाए
  • जिले में भी दो साल का करीब 50 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-19 09:05 GMT

Shahdol News: उपार्जन से पहले ही जिले में धान की मिलिंग का कार्य प्रभावित होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। उपार्जन का कार्य 2 दिसंबर से प्रारंभ हो रहा है। शासन की नीति के अनुसार सीधे खरीदी केंद्रों से मिलर्स को उठाव कर मिलिंग का कार्य करना है, ताकि धान को केंद्रों में खराब होने से बचाया जा सके। लेकिन शासन की कुछ नीतियों को लेकर प्रदेश के मिलर्स विरोध में हैं, जिसका असर जिले में भी हो रहा है, क्योंकि जिले में भी दो साल का करीब 50 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है।

मिलर्स मांग कर रहे हैं कि पहले पिछला भुगतान कर मांगों को पूरा किया जाए, अन्यथा नए उपार्जन की धान का उठाव नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों मप्र चावल उद्योग महासंघ की खाद्य मंत्री के साथ बैठक हुई, जिसमें इस मुद्दे को लेकर चर्चा भी हुई। जिसमें संघ की ओर से कहा गया है कि पिछला बकाया भुगतान के साथ समस्याओं का समाधान हुए बिना इस साल नया उठाव मिलर नहीं करेंगे।

ऐसे पड़ सकता है असर

इस वर्ष जिले में 20 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, यानि इतनी ही धान की मिलिंग की जानी है। बात नहीं बनी तो खरीदी केंद्रों में भंडारण की समस्या आ सकती है, क्योंकि नियमानुसार खरीदी केंद्रों से मिलरों का उठाव करना है, यदि उठाव नहीं हुआ तो केंद्रों में रखने की जगह नहीं बचेगी। समय पर उठाव नहीं होने से किसानों का किसानों के भुगतान पर भी असर पड़ सकता है। साथ ही केद्रों में उपार्जित धान के रखरखाव को लेकर भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

कलेक्टर को दिए ज्ञापन में समस्या व मांग से कराया अवगत

जिले के मिलरों ने भी 16 नवंबर को कलेक्टर को मांग पत्र सौंपा है, जिसमें समस्या की ओर ध्यान दिलाया गया है। शहडोल राइस मिल एसोसिएशन द्वारा खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव के नाम ज्ञापन में कहा गया है कि जिले का दो वर्ष में मिलर्स द्वारा जमा किए गए बारदानों की उपयोगिता व्यय, मिलिंग, परिवहन व एफआरके की राशि फोर्टीफाइड की बलेंडिंग चार्जेज के बकाया बिलों का भुगतान किया जाए।

एफसीआई में जमा किए गए चावल पर अपग्रेडेशन राशि देने संबंधी आदेश जारी कर धान चावल की लोडिंग-अनलोडिंग पूर्व के बरसों की तरह दिए जाने संबंधी आदेश जारी किए जाएं। मप्र चावल उद्योग महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं शहडोल राईस मिल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष एवं मोहम्मद जकरिया का कहना है कि जिले में 40 की संख्या में मिल संचालित हैं। हमारी मांग नहीं मानी गई तो उठाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर नीतियों का विरोध किया जा रहा है।

- मिलरों को भुगतान का मामला भोपाल स्तर का है। मिलर यदि उठाव नहीं करते हैं तो परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि प्रशासनिक स्तर से परिवहन की पृथक से व्यवस्था की गई है।

विपिन पटेल, प्रबंधक नान

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