बैंकर्स की लेट लतीफी से डूब जाती है ग्राहक की रकम , एसपी ने ली क्लास
बैंकर्स की लेट लतीफी से डूब जाती है ग्राहक की रकम , एसपी ने ली क्लास
डिजिटल डेस्क, सतना। एटीएम और ऑनलाइन फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के इरादे से पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने जिला मुख्यालय के सभी बैंक मैनेजर और सहायक मैनेजर की वन -टू-वन क्लास ली। इस दौरान उन्होंने सवाल उठाए कि आखिर आर्थिक अपराध से जुड़े संगीन मामलों में बैंक के जिम्मेदार अधिकारी खातेदारों को एकाउंट के स्टेटमेंट और पुलिस को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने में डरते क्यों हैं? पुलिस अधीक्षक ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि जिन ग्राहकों ने इंटरनेट बैंकिंग नहीं ले रखी है, उनके भी खातों से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ही रकम की निकासी हो रही है। बैठक में एडीशनल एसपी गौतम सोलंकी और सीएसपी विजय प्रताप सिंह के अलावा शहर के तीनों थाना प्रभारी भी उपस्थित थे।
ऐसे में डूब जाती है रकम
एसपी ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन खरीदी के मामलों में अगर खातेदार के पैसे की वापसी के लिए 72 घंटे के अंदर बैंक पत्राचार कर ले तो खातेदार के पैसों की वापसी संभव है,मगर प्राय : बैंक अपने ही प्रभावित खातेदार को 72 घंटे बाद भी एकाउंट स्टेटमेंट तक नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में अंतत: ग्राहक का पैसा डूब जाता है। एसपी ने कहा कि आर्थिक धोखाधड़ी खासकर एटीएम फ्रॉड के मामलों में बैंक पुलिस को तत्काल सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने माना कि अभी ऐसा नहीं होता है।
सुरक्षा के सवाल पर नहीं चलेगी कास्ट कटिंग
पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने बैंकर्स को दो टूक चेतावनी दी कि कास्ट कटिंग के नाम पर एटीएम सेंटरों में सुरक्षा गार्ड नहीं तैनात करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। सभी बैंक ये सुनिश्चित करें कि हर एटीएम बूथ पर अनिवार्य रुप से गार्ड रखे जाएं। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं। एसपी ने एटीएम में कैश की लोडिंग रात में नहीं करने की हिदायत देते हुए कहा कि ये काम शाम होने से पहले हो जाना चाहिए।
थाने में दें छुट्टी की सूचना
एसपी ने बैंक मैनेजरों से कहा कि यदि बैंक में एक दिन से ज्यादा दिवसों का अवकाश है तो इसकी सूचना संबधित थाने को आवश्यक रुप से दी जानी चाहिए। उन्होंने बैंकर्स और पुलिस के बीच एक वाट्सएप गु्रप से संपर्क की भी जरुरत जताई। उन्होंने कहा कि बैंक के खातों से ट्रांजेक्शन होने की जानकारी खाताधारक के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए भेजना सुनिश्चत करें। बैंक मैनेजर स्वयं अपने एटीएम चेक करें और तय करें कि सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं या नहीं। गार्डों को चौकन्ना रखें। एटीएम कार्ड से कैश निकालने वालों की गाड़ी के नंबर पर नजर रखें। खासकर तब और जब गाड़ी जिले या प्रदेश के बाहर की हो।