राजस्व विभाग के अधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे, देरशाम तक चली अतिक्रमण हटाने की कवायद
तौलिया, साड़ी और दुपट्टा लगाकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण राजस्व विभाग के अधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे, देरशाम तक चली अतिक्रमण हटाने की कवायद
डिजिटल डेस्क,शहडोल। तौलिया, साड़ी और दुपट्टा लगाकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की यह तस्वीर संभाग मुख्यालय शहडोल की है। वार्ड क्रमांक 29 नरसरहा डीपो के समीप खसरा नंबर 48 रकबा 6.890 हेक्टेयर सरकारी जमीन उद्योग विभाग को दो साल पहले आवंटित किया गया। जिसे विभाग ने अलग-अलग स्टार्टअप के लिए बेरोजगार युवाओं को टुकड़ों में दे दिया, इन युवाओं को यहां छोटी-छोटी इकाई स्थापित करनी थी। खासबात यह है कि जमीन आबंटन के दो साल तक उद्योग विभाग ने इकाई स्थापित करने पर ध्यान नहीं दिया। जिन्हे जमीन आबंटित किया गया, उनमें से राजेश रोहरा और अरशद खान इकाई लगाने के लिए जमीन चिन्हित करने गुरुवार को पहुंचे तो पाया कि आसपास रहने वाले लोगों ने साड़ी, दुपट्टा और घर के दूसरे कपड़े से जमीन की घेराबंदी कर लिया है।
कह रहे हैं यह जमीन उनकी है, स्वयं को बेघर बताकर घर बनाने की बात भी कही। इधर, सरकारी जमीन पर खुलेआम अतिक्रमण की सूचना जिला प्रशासन के अधिकारियों तक पहुंची तो हडक़ंप मच गया। राजस्व विभाग के अधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और देरशाम तक अतिक्रमण हटाने की कवायद चलती रही। शहर के सभ्रांत नागरिकों ने बताया कि प्रशासन के उदासीन रवैये के बाद भू-माफिया ने मान लिया है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करना आसान है। नरसरहा डीपो के समीप सरकारी जमीन पर खुलेआम अतिक्रमण की कोशिशें इसी का परिणाम है। पटवारी विजय विश्वकर्मा ने बताया कि जिन लोगों ने जमीन पर कब्जा किया, उन्हे भू-माफिया ने यह कहकर भेजा था कि एक बार कब्जा हो गया तो जमीन उनकी।
खास बात यह है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के मामले में राजस्व विभाग के पटवारी, आरआइ और तहसीलदार की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। इसका नुकसान यह हुआ कि शहडोल में कई तालाब पर अतिक्रमण के बाद उनका नामोनिशान मिट गया। जिन लोगों के कोई वारिस नहीं हैं, उनकी जमीन सरकारी होने के बजाए भूमाफिया के कब्जे में हैं। दो साल पहले तत्कालीन एसडीएम ने 60 से ज्यादा भू-माफिया को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का नोटिस जारी किया, वह मामला भी फाइलों में दफन हो गया।
- जो लोग उद्योग विभाग की जमीन पर साड़ी, दुपट्टा व अन्य कपड़े लगाकर कब्जा करने पहुंचे थे, उन्हे भू-माफिया ने बरगलाया था। हमने एसडीएम को अतिक्रमण की सूचना दी, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची।
रतन सिंह डाबर महाप्रबंधक उद्योग विभाग