Shahdol News: बीच नाला झिरिया बनाकर घंटों इंतजार, तब कहीं मिल पाता है पीने का एक बाल्टी पानी

  • कॉलरी का गंदा पानी पीने को मजबूर संभागीय मुख्यालय से लगे खन्नाथ गांव के बैगा आदिवासी
  • हाल ही में पीएम जनमन योजना का संचालन जिले में जोर शोर से किया गया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-28 13:31 GMT

Shahdol News: शासन-प्रशासन आदिवासियों के विकास को लेकर कितने दावे करे, परंतु संभागीय मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत खन्नाथ के बैगा आदिवासी आज भी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत खन्नाथ अंतर्गत सेमरिया टोला निवासी आदिवासी बैगा परिवारों को कॉलरी के उस गंदे का उपयोग पीने के लिए करना पड़ रहा है जो निस्तार के काबिल भी नहीं है।

कॉलरी का जो पानी बैसहा नाला के रूप में बस्ती के पास से बहता है उसमें झिरिया (छोटा गड्ढा) बनाकर पीने का पानी भरते हैं। झिरिया बनाने के बाद कई घंटे इंतजार करते हैं, जब उसमें पानी भर जाता है तो छोटे बर्तन से बाल्टी या डिब्बों में भरकर लाते हैं। बस्ती के लोगों का यह रोज का काम है। सुबह-शाम कई घंटे की मशक्कत के बाद कुछ बाल्टी पानी मिलता है।

बरसात के दिनों में दो किलोमीटर दूर से लाते हैं पानी

खन्नाथ के सेमरिहा टोला में 15-20 घरों में बैगा आदिवासी निवासरत हैं। इस बस्ती में पानी की कोई सुविधा नहीं है। यहां के रहने वाले रामप्रसाद बैगा, भोले बैगा, कमलेश बैगा, मुन्ना बैगा, छोटेलाल बैगा, कजरू, सुमुन बैगा, कतकी बैगा, भगवंत विमला बैगा आदि ने बताया कि सबसे अधिक दिक्कत बरसात के दिनों में हो जाती है। क्योंकि नाला ऊफान पर होता है और झिरिया नहीं बनाई जा सकती। ऐसे में पीने का पानी दो किलोमीटर दूर दूसरी बस्ती से लाना पड़ता है।

नल-जल दूर की बात, हैंडपंप तक नहीं लगाया गया

सेमरिया टोला के आदिवासियों ने बताया कि हम लोग यहां कई दशक से निवास कर रहे हैं। पेयजल की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई। एक भी हैंडपंप बस्ती में नहीं है। कुछ समय पहले नल-जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई गई, परंतु उसमें से पानी की सप्लाई आज तक चालू नहीं हुई है। गंदा पानी पीने से लोग बीमार हो जाते हैं।

खोखले साबित हो रहे प्रशासन के दावे

हाल ही में पीएम जनमन योजना का संचालन जिले में जोर शोर से किया गया। यह योजना केवल बैगा आदिवासियों की सुविधाओं को लेकर चलाई गई, जो कितना सफल रही सेमरिया टोला के हालातों को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्रामीण बताते हैं कि 6 महीने पहले सर्वे हुआ था, जिसमें पेयजल समस्या की बात बताई गई थी। लेकिन आज तक हालात वही हैं।

-आदिवासी टोला में सर्वे का कार्य होकर नल-जल योजना की पाइप लाइन डाली जा चुकी है। यह काम पीएचई विभाग का है, कि वह जल्द से जल्द चालू करे, हमने कई बार पत्राचार किया। हैंडपंप लगाने का प्रयास किया गया लेकिन जलस्तर नीचे होने के कारण सफल नहीं हो पाते।

गुल्लू यादव, सचिव ग्राम पंचायत खन्नाथ

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