Shahdol News: सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण में लेटलतीफी हावी

  • मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचा, मचा हडक़ंप क्लर्क की नौकरी गई, सीएमओ पर जुर्माना
  • जनसुनवाई के साथ ही अन्य टेबल में ऐसी शिकायत लेकर लगातार पीडि़त आवेदक पहुंच रहे हैं।
  • सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का निराकरण कैसे हो रहा है, इसका अंदाजा निराकरण के औसत से लगाया जा सकता है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-30 08:31 GMT

Shahdol News: आमजनों से जुड़ी लोक सेवाओं के निराकरण में लगातार लापरवाही बरतने के बाद एक प्रकरण मुख्यमंत्री की टेबल तक पहुंच गया, तब जाकर जिला प्रशासन हरकत में आया। मामला ब्यौहारी नगर परिषद अंतर्गत गुलाब चंद्र गुप्ता के नि:शक्त पेंशन से जुड़ा है। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज पीडि़त की शिकायत के निराकरण को लेकर नगर परिषद ब्यौहारी में जमकर लापरवाही बरती गई तो प्रकरण सीएम की समीक्षा में समाधान ऑनलाइन में शामिल हो गया।

इसमें मुख्यमंत्री प्रदेशभर के 30 मामलों को देखते हैं। समाधान ऑनलाइन की सूची में 20 अक्टूबर को ब्यौहारी का मामला शामिल होने के बाद अधिकारियों की नींद खुली और आनन-फानन में 22 अक्टूबर को पेंशन प्रकरण निराकृत कर दिया गया। सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समाधान आनलाइन में प्रदेश के दूसरे मामलों में लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

इसके फौरन बाद कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने नगर परिषद ब्यौहारी सीएमओ अरूण कुमार श्रीवास्तव पर पांच हजार रूपए जुर्माना लगाया। इसी कार्यालय में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी अरुण बैस को सेवा से पृथक करने का आदेश जारी किया। इसके अलावा जिलेभर में जन्म का अप्राप्यता प्रमाण-पत्र, मृत्यु का अप्राप्यता प्रमाण-पत्र एवं विवाह पंजीयन को निर्धारित कालावधि में पदाभिहित अधिकारियों द्वारा उपलब्ध नहीं कराने वाले पांच कर्मचारियों पर भी जुर्माना लगाया गया।

इसमें दीनानाथ पर पांच दिवस विलंब में एक हजार 250 रूपए, संतोष चौधरी पर चार दिवस विलंब में एक हजार रूपए, रमेश कुमार चर्मकार पर तीन दिवस के विलंब में 750 रूपए व स्वाती सिंह और रोहिणी प्रसाद पर एक-एक दिन विलंब करने पर ढाई-ढाई सौ रूपए जुर्माना लगाया गया।

सीएम हेल्पलाइन :  हर सोमवार टीएल बैठक में जल्द निराकरण के निर्देश, फिर भी जिले का औसत 39 प्रतिशत

सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का निराकरण कैसे हो रहा है, इसका अंदाजा निराकरण के औसत से लगाया जा सकता है। 28 अक्टूबर तक जिले का औसत 39 प्रतिशत रहा। सबसे ज्यादा लंबित 654 मामले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना संबल में प्रसूति सहायता के हैं।

इसके अलावा राजस्व विभाग में बंटवारा संबंधी 248, मातृ वंदना योजना से संबंधित 209, शहरी व ग्रामीण कर्मकार मंडल के 209, विवेचना में लापरवाही के 115, छात्रवृत्ति में लोक शिक्षण विभाग के 146 व अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 52, बिजली विभाग में लो वोल्टेज संबंधी 41 मामलों के साथ ही अन्य विभागों के मामले मिलाकर कुल लंबित मामलों की संख्या 7 हजार 165 है। सीएम हेल्पलाइन में लंबित मामलों की यह संख्या तब है जब प्रत्येक सोमवार को टीएल मीटिंग में समीक्षा के दौरान विशेष तौर पर सीएम हेल्पलाइन के मामलों को ही निराकृत करने के निर्देश दिए जाते हैं।

समस्या यह भी

जानकार बताते हैं कि सीएम हेल्पलाइन में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या का एक प्रमुख कारण यह भी है कि इसमें ऐसी शिकायतें भी रजिस्टर हो रही हैं, जिनका निराकरण संभव नहीं हो पाता है। ऐसे मामले लगातार लंबित मामलों में प्रदर्शित होते हैं, और निराकरण करने वाले विभाग व अधिकारी परेशान रहते हैं।

शिकायतें ऐसी भी

सीएम हेल्पलाइन में ज्यादातर मामलों में ऐसी शिकायतें भी सामने आती हैें कि आवेदक के संतुष्ट नहीं होने के बाद भी प्रकरण को फोर्स क्लोज कर दिया जाता है। जनसुनवाई के साथ ही अन्य टेबल में ऐसी शिकायत लेकर लगातार पीडि़त आवेदक पहुंच रहे हैं।

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