प्रदूषण फैलाने पर रेड ओकर की ग्राइडिंग यूनिट की जल और वायु सम्मति निरस्त

ईटीपी पर भी लगाई गई रोक  प्रदूषण फैलाने पर रेड ओकर की ग्राइडिंग यूनिट की जल और वायु सम्मति निरस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-15 09:20 GMT
प्रदूषण फैलाने पर रेड ओकर की ग्राइडिंग यूनिट की जल और वायु सम्मति निरस्त

डिजिटल डेस्क,सतना। प्रदूषण फैलाने से बाज नहीं आने पर एमपी पीसीबी ने अंतत: मझगवां के हिरौंदी में संचालित मेसर्स सीताराम अशोक कुमार बंसल की पल्पराइजर रेड ओकर मिनिरल्स ग्राइडिंग यूनिट की एयर-वाटर कन्सर्न (जल वायु सम्मति) तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी है। पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी केपी सोनी के इस आदेश के बाद जिला खनिज अधिकारी (डीएमओ) एचपी सिंह ने भी फर्म की ईटीपी पर पर रोक लगा दी है। पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एसई जीडी त्रिपाठी ने बताया कि पावर कट के लिए संचारण संधारण संभाग को निर्देशित किया गया है मगर,फिर भी नहीं सुधरे।

मझगवां तहसील क्षेत्र के हिरौंदी की आराजी नंबर- 549/1ख में मेसर्स सीताराम अशोक कुमार बंसल की पल्पराइजर रेड ओकर मिनिरल्स ग्राइडिंग यूनिट संचालित है, इसमें लाल-पीली मिट्टी ग्राइंड की जाती है। पीसीबी के सहायक यंत्री ने 13 मई को औचक निरीक्षण के दौरान प्लांट परिसर में भारी प्रदूषण की अंधेरगर्दी की हद पकड़ी थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय से ग्राइडिंग यूनिट की प्रोप्राइटर सुनीता बसंल को 15 दिन की मोहलत के साथ नोटिस देकर प्रदूषण के विरुद्ध पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की चेतावनी दी थी। प्रोप्राइटर से किए गए उपायों के साक्ष्य मय दस्तावेज के साथ भी तलब किए गए थे। सूत्रों ने बताया कि 7 जून को फर्म की ओर से जवाब दाखिल किया गया। क्षेत्रीय अधिकारी ने 9 जून को स्वयं स्थल निरीक्षण कर जवाब का भौतिक सत्यापन किया गया मगर बावजूद इसके स्थितियां संतोषजनक एवं समाधान कारक नहीं पाई गईं। लिहाजा जल-वायु सम्मति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई। खनिज विभाग ने ईटीपी भी बंद कर दी। एमपीईबी भी पावर कट करने जा रहा है। 

पर्यावरणीय संरक्षण की चिंता नहीं-

जैतवारा में संचालित हैं एक दर्जन से ज्यादा यूनिट
जानकारों ने बताया कि इसी तरह जैतवारा कस्बे में ऐसी लगभग एक दर्जन मिनिरल्स ग्राइडिंग यूनिट धड़ल्ले से पर्यावरणीय संरक्षण नियमों का मजाक उड़ा रही हैं। इन यूनिटों में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 33- क एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 31-का उल्लंघन खुलेआम है।  पल्स जेट बैग फिल्टर पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय नहीं हैं। न पक्की रोड हैं न कच्चे माल के डंपिंग यार्ड ही कवर्ड हैं। विंड ब्रेकिंग वॉल,स्वचलित जल का छिड़काव और परिसरों में सघन वृक्षारोपण नहीं है। चौतरफा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा निर्देशों की खिल्ली उड़ाई जा रही है। 

इनका कहना है-

पर्यावरणीय नियमों का पालन नहीं करने पर हिरौंदी में संचालित पल्पराइजर रेड ओकर मिनिरल्स ग्राइडिंग यूनिट की जल और वायु सम्मति निरस्त कर दी गई है।  विद्युत कंपनी को पावर कट के लिए भी पत्र लिखा गया है। 
केपी सोनी, (आरओ पीसीबी) 

एमपी पीसीबी की रिपोर्ट मिलने के बाद ग्राइडिंग यूनिट की ईटीपी के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। प्रतिबंधात्क आदेश के उल्लंघन पर पृथक से कार्यवाही की जाएगी।                                     

एचपी सिंह, (जिला खनिज अधिकारी) 
 

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