नार-ए-तकबीर व नार-ए-रिसालत की सदाएँ बुलंद करते नजर आए लोग
मौलाना ने कहा- पैगम्बरे इस्लाम दुनिया के लिए रहमत नार-ए-तकबीर व नार-ए-रिसालत की सदाएँ बुलंद करते नजर आए लोग
डिजिटल डेस्क जबलपुर। पैगम्बरे इस्लाम के यौमे विलादत जन्मोत्सव ईद मीलादुन्नबी मंगलवार को अकीदत और उल्लास के साथ मनाया गया। कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर हालाँकि सामूहिक जुलूस नहीं निकला लेकिन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बच्चों व नवजवानों में गजब का उत्साह नजर आया। लोग हाथों में झंडे थामे, सरों पर टोपियाँ व पगड़ी सजाए नार-ए-तकबीर व नार-ए-रिसालत की सदाएँ बुलंद करते नजर आए। इस वर्ष सुब्बा शाह मैदान पर जलसे का एहतेमाम किया गया। इस दौरान बड़ी तादाद में तबर्रुक तकसीम किया गया।
मुफ्ती-ए-आजम मप्र हजरत मौलाना मो. हामिद अहमद सिद्दीकी ने ईद मीलादुन्नबी पर अपने पैगाम में कहा कि पैगम्बरे इस्लाम सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए। उन्होंने अमन-शांति व एकता का पैगाम दिया। उनका पैगाम आज भी सामयिक है। रजा चौक मंडी मदार टेकरी में अकीदतमंदों ने मुफ्ती-ए-आजम मप्र व नायबे मुफ्ती-ए-आजम मप्र का इस्तकबाल किया। नया मोहल्ला में बज्मे गुलशने मदीना की जानिब से विशाल लंगर का एहतेमाम किया गया। सदर व गढ़ा में भी उत्साह का माहौल रहा, जहाँ कई स्थलों पर लंगर वितरित किया गया।
सीरतुन्नबी पर हुआ जलसा
अंसार नगर बारात घर में जमात-ए-इस्लामी हिन्द जबलपुर द्वारा जलसा-ए-सीरतुन्नबी का एहतेमाम किया गया। जलसे में हाफिज अशरफ अली भोपाल ने कहा कि पैगम्बरे इस्लाम की पवित्र जीवनी का जो भी खुले मन से अध्यन करेगा, वइ इसी नतीजे पर पहुँचेगा कि वे सारी इंसानियत के हितैषी, उपकारक, उद्धारक और पथ-प्रदर्शक एवं आदर्श हैं। उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करके प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिन्दगी सुधार सकता है। इस अवसर पर सीरतुन्नबी शीर्षक पर महिलाओं का भी एक सम्मेलन आयोजित किया गया। आयोजन में मो. हारुन, अकील अहमद, खुर्शीद अहमद, अहमद मास्टर, इम्तियाज अहमद, सलीम, बशीर, मो. इब्राहीम आदि उपस्थित थे।