पैराशूट उम्मीदवार और हावी होते मुद्दे, खराब सडक़ें, अंधेरी गलियां और पेयजल बड़ा मुद्दा

शहडोल नगर पालिका चुनाव पैराशूट उम्मीदवार और हावी होते मुद्दे, खराब सडक़ें, अंधेरी गलियां और पेयजल बड़ा मुद्दा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-21 10:01 GMT
पैराशूट उम्मीदवार और हावी होते मुद्दे, खराब सडक़ें, अंधेरी गलियां और पेयजल बड़ा मुद्दा

डिजिटल डेस्क,शहडोल। नगर पालिका शहडोल चुनाव में हावी होते मुद्दों के बीच जिम्मेदार अब बहाने तलाशने में जुट गए हैं। चुनाव में मतदान की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, शहर में मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी समस्याएं मुखर हो रही है। चुनाव में शहर की खराब सडक़ें, गड्ढों में हिचकोले खाते वाहन, गड्ढों में पानी भरने से सडक़ किनारे चलने वाले नागरिकों पर पड़ते गंदे पानी के छींटे की समस्या से लेकर स्ट्रीट लाइट बंद रहने से अंधेरी गलियां और बीते कई वर्षों से गर्मी में विकराल रुप लेती पेयजल समस्या बड़ा मुद्दा है। 

शहर की सडक़ें बता रही जिम्मेदारों की कार्य कुशलता

वार्ड क्रमांक 25 में भाजपा जिलाध्यक्ष कार्यालय पहुंच मार्ग पर खस्ताहाल सडक़ के कारण लोग आए दिन परेशान होते हैं। यहां हनुमान मंदिर के समीप गड्डे के कारण कई बार चारपहिया वाहन निकालना मुश्किल हो जाता है, दोपहिया वाहन चालक भी परेशान होते हैं।

इसी मार्ग से शहर पहुंचेंगे मुख्यमंत्री 

गड्ढों की भरमार वाली एनएच-43 की यह एजिस्टिंग सडक़ संभागीय मुख्यालय का प्रवेश मार्ग है। बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इसी मार्ग से शहडोल पहुंचेंगे। खासबात यह है कि इस मार्ग के गड्ढे भी तभी भरे जाते हैं जब सडक़ मार्ग से सीएम शहर पहुचते हैं।

कमिश्नर बंगला के सामने

वार्ड क्रमांक 13 में कमिश्नर बंगला के समीप खराब सडक़ों की मरम्मत कई महीने बाद भी नहीं हुई। यहां पुरानी नगर पालिका से पुलिस लाइन पहुंच मार्ग के बीच कई स्थानों पर सडक़ के बड़े-बड़े गड्ढे नागरिकों की परेशानी बढ़ा रही है। 

स्ट्रीट लाइट, पेयजल में ये परेशानी

> शहर के कई वार्ड ऐसे हैं, जहां रात के समय अंधेरे के कारण निकलना मुश्किल हो जाता है। महिलाओं को जरुरी काम पडऩे पर जाना हो तो समस्या और बढ़ जाती है। नागरिकों ने बताया कि स्ट्रीट लाइट की समस्या बताने के बाद भी सुधार में कई बार एक सप्ताह से 15 दिन का समय लग जाता है। 
> 15 से ज्यादा ऐसे वार्ड हैं, जहां पाइप लाइन विस्तार के लिए तीन साल से ज्यादा समय से मांग की जा रही है। नागरिकों ने बताया कि घर तक पेयजल पहुंचाने की मांग पर जिम्मेदारों से हर बार आश्वासन ही मिला।
 

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