परब बोले - मेरे खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप निराधार, निलिबंत परिवहन निरीक्षक ने लगाया है घोटाले का आरोप
परब बोले - मेरे खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप निराधार, निलिबंत परिवहन निरीक्षक ने लगाया है घोटाले का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने निलंबित मोटर वाहन निरीक्षक द्वारा उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। परब ने शनिवार को कहा कि मेरे, परिवहन आयुक्त सहित परिवहन विभाग के पांच अधिकारियों के खिलाफ नाशिक के पंचवटी पुलिस स्टेशन में निलंबित मोचर वाहन निरीक्षक गजेंद्र पाटील द्वारा की गई शिकायत निराधार है। पाटील ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि परिवहन विभाग के ट्रांसफर-पोस्टिंग में 300 करोड़ का घोटाला हुआ है। परिवहन मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार की कई शिकायतों के चलते निलंबित किए गए मोटर वाहन निरीक्षक पाटील को निलंबित किया गया है। इसकी वजह से वे निराधार आरोप लगा रहे हैं। यह अधिकारी झुठे आरोप लगा कर महा विकास आघाडी सरकार को बदनाम करना चाहता है। ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। सरकार को बदनाम करने के लिए सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। परब ने कहा कि इस शिकायत की नाशिक पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी। राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने परब का बचाव करते हुए कहा कि निचले स्तर पर क्या हो रहा है इसके लिए मंत्री कैसे जिम्मेदार हो सकता है। शिकायत करने और फिर कोर्ट में जाने जैसी गतिविधियां चलती रहेंगी। भुजबल ने कहा कि यह विपक्ष की साजिश है।
पांच दिनों में जांच रिपोर्ट
इस बीच पुलिस ने इस मामले की जांच शुरु कर दी है। पुलिस उपायुक्त (क्राईम ब्रांच) और दो अन्य उपायुक्त स्तर के पुलिस अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने पांच दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है।
क्या हैं आरोप
परिवहन विभाग के निलंबित मोटर वाहन निरीक्षक पाटील द्वारा नाशिक के पंचवटी पुलिस स्टेशन दर्ज शिकायत में कहा गया है कि आरटीओ अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए करोड़ों रुपए की मोटी रकम परिवहन मंत्री अनिल परब के इशारे पर वसूली जाती है। शिकायत पत्र में गजेंद्र पाटील ट्रांसफर पोस्टिंग में 250 से 300 करोड़ रुपए वसूले जाने का आरोप लगाया है।पाटिल के मुताबिक वर्धा के डिप्टी आरटीओबजरंग खरमाटे इस ट्रासफर-पोस्टिंग के धंधे का मास्टर माईंड है। वह मंत्री अनिल परब के इशारे और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अनिवाश ढाकणे के साथ मिलकर इस रैकेट को चलाता है।