योग्य शिक्षक बिना चल रहे नर्सिंग कॉलेज
शहडोल योग्य शिक्षक बिना चल रहे नर्सिंग कॉलेज
डिजिटल डेस्क, शहडोल ।शहडोल जिले में 8 से ज्यादा की संख्या में नर्सिंग कॉलेजों का संचालन हो रहा है। इनमें से कुछ को छोड़कर बाकी संस्थाओं में आईएनसी यानी इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों का पालन कतई नहीं हो रहा है। नियमानुसार नर्सिंग कॉलेज संचालन के लिए निर्धारित पैमाने के अनुसार बिल्डिंग और सभी सुविधाएं होनी चाहिए। मसलन सुविधा युक्त लैब, विद्यार्थियों के लिए बसों की सुविधा, टॉयलेट आदि संपूर्ण होना चाहिए। लेकिन अधिकतर नर्सिंग कॉलेजों में ऐसा देखने में नहीं आ रहा है। जिले में संचालित नर्सिंग कॉलेजों में सीटों की संख्या 20 से लेकर 60 तक की है। नियमानुसार पंजीयन के 3 वर्ष बाद खुद का हॉस्पिटल होना चाहिए, अथवा 50 बेड से ऊपर के अस्पतालों से संबद्धता हो जानी चाहिए।
इनमें शासकीय, प्राइवेट अस्पताल भी शामिल है। जिले में केवल दो ही प्राइवेट अस्पताल ऐसे हैं जो 50 बेड से ऊपर, बाकी शासकीय जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिकल के लिए स्टूडेंट को भेजना चाहिए। भारी भरकम फीस लिए जाने के बावजूद 3 महीने की बजाय कई नर्सिंग कॉलेज द्वारा महीने भर की ट्रेनिंग दी जाती है, जबकि विद्यार्थियों से पूरी रकम वसूली जाती है। बताया गया है कि 50 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक की वसूली होती है। रोगी कल्याण समिति जिला चिकित्सालय में पैसा जमा कराया जाता है। इसी प्रकार मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट अस्पतालों के लिए भी लागू है। कुल मिलाकर देखा जाए तो जिले में नर्सिंग कॉलेजों का संचालन अधिकतर कागजों में ही हो रहा है। नियमों का पालन ज्यादातर कॉलेजों में नहीं हो रहा है। फैकल्टी की भी कमी है। हर सब्जेक्ट के लिए एमएससी नर्सिंग टीचर अनिवार्य है लेकिन अधिकतर नर्सिंग संस्थाओं में इनकी कमी है। कहीं-कहीं तो एक दो कमरों में ही कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है।