निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने पीलिया व निमोनिया के मरीज को नहीं दिया सहारा

बीमित ने कहा- बीमा कंपनी के जिम्मेदार हमारे साथ कर रहे हैं जालसाजी निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने पीलिया व निमोनिया के मरीज को नहीं दिया सहारा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-24 10:01 GMT
निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने पीलिया व निमोनिया के मरीज को नहीं दिया सहारा

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। गुमराह करते हुए भटकाने का खेल अगर सीखना है तो बीमा कंपनियों के क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के साथ ही ब्रांच के अधिकारियों से आसानी से सीखा जा सकता है। ये लोग आम लोगों को क्लेम न देना पड़े इसके लिए तरह-तरह के नियम व शर्तें अचानक लेकर आ जाते हैं और पॉलिसीधारक को पहले कैशलेस से इनकार करते हैं और इलाज के बाद जब बिल सबमिट करते हैं तो पुरानी बीमारी का हवाला देकर बीमा कंपनियाें के द्वारा हाथ खड़े कर लिए जाते हैं। पॉलिसीधारकों का आरोप है कि बीमा अधिकारियों के द्वारा मनमर्जी से कार्य किया जा रहा है और प्रीमियम लेते वक्त सारे वादे करते हैं, पर जब बीमा क्लेम लेने के लिए बिल दिए जाते हैं, तो उनमें खामियाँ निकालकर नो क्लेम का लैटर भेज देते हैं।  

इन नंबरों पर समस्या बताएँ-स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। 

बीमारी को ही बदल दिया बीमा कंपनी ने 

सतना ग्राम अटरा निवासी रामकुमारी सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी कराई है। पॉलिसी क्रमांक 31460039202101 का प्रीमियम भी जमा करती आ रही हैं। पॉलिसीधारक रामकुमारी सिंह पति धीरेन्द्र सिंह की तबियत खराब होने के कारण सतना के निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद पीलिया व निमोनिया की शिकायत होने का खुलासा किया था।

पॉलिसीधारक का लंबे समय तक अस्पताल में इलाज चला और इस दौरान बीमा कंपनी में भी कैशलेस के लिए मेल किया गया, पर क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के सदस्यों ने यह कह दिया था कि आप बिल का भुगतान करें और हमारी कंपनी में ऑनलाइन व ऑफलाइन बिल सबमिट करने पर सारा भुगतान कर दिया जाएगा। बीमित के द्वारा इलाज के बाद सारे दस्तावेज बीमा कंपनी में सबमिट किए गए, तो जिम्मेदारों ने अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं। बीमित ने सत्यापित दस्तावेज भी दिए, पर क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्य यह कह रहे हैं कि गर्भपात का इलाज कराया था इसलिए हमारी कंपनी क्लेम नहीं देगी। बीमित ने आरोप लगाते हुए कहा कि सारे तथ्य दिए, पर बीमा कंपनी को क्लेम न देना पड़े इसलिए जिम्मेदार गोलमाल करते हुए जालसाजी कर रहे हैं। 

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