एनएचपीसी ने जेकेएसपीडीसी के साथ एक संयुक्त उद्यम कंपनी "रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड" का गठन किया!
एनएचपीसी ने जेकेएसपीडीसी के साथ एक संयुक्त उद्यम कंपनी "रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड" का गठन किया!
डिजिटल डेस्क | विद्युत मंत्रालय एनएचपीसी ने जेकेएसपीडीसी के साथ एक संयुक्त उद्यम कंपनी "रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड" का गठन किया| विद्युत मंत्रालय के तहत भारत की प्रमुख पनबिजली कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड ने 850 मेगावाट की रतले पनबिजली परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी, "रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड" का गठन किया है। संयुक्त उद्यम कम्पनी को 01.06.2021 को एनएचपीसी और जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेकेएसपीडीसी) के साथ क्रमशः 51 प्रतिशत और 49 प्रतिशत की इक्विटी हिस्सेदारी के साथ शामिल किया गया है।
रतले पनबिजली परियोजना (850 मेगावाट), केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में, चिनाब नदी पर स्थित एक रन ऑफ रिवर योजना है। प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में जेकेएसपीडीसी, एनएचपीसी और जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन सरकार के बीच 03.02.2019 को एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके अलावा, रतले पनबिजली परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 03.01.2021 को जम्मू में श्री आर.के.सिंह, विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय; राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय; राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय; राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग; और राज्य मंत्री, अंतरिक्ष विभाग डॉ. जितेंद्र सिंह, और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, श्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में पूरक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। विद्युत मंत्रालय ने पहले ही 850 मेगावाट की रतले पनबिजली परियोजना के निर्माण के लिए 5281.94 करोड़ (नवंबर 2018 मूल्य स्तर पर) रुपये की अनुमानित लागत से निवेश की मंजूरी दे चुका है। इसके बाद, 13.04.2021 को प्रवर्तक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का गठन हुआ।