थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइसों के लिए नया किफायती इलेक्ट्रिकल कॉन्टैक्ट मैटेरियल!
थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइसों के लिए नया किफायती इलेक्ट्रिकल कॉन्टैक्ट मैटेरियल!
डिजिटल डेस्क | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइसों के लिए नया किफायती इलेक्ट्रिकल कॉन्टैक्ट मैटेरियल| ऊंचे तापमान पर स्थिर थर्मोस्टैटिक मैटेरियल अपनी दो सतहों के बीच तापमान के अंतर के उपयोग के द्वारा बिजली पैदा कर सकता है डिवाइस एक छोटे हीट पम्प के रूप में भी काम कर सकता है शोधकर्ताओं ने थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस के लिए एक नया किफायती इलेक्ट्रिकल कॉन्टैक्ट मैटेरियल विकसित किया है, जो ऊंचे तापमान पर स्थिर रहता है। थर्मोइलेक्ट्रिक मैटेरियल अपनी दोनों सतहों के तापमान के अंतर के उपयोग के द्वारा बिजली पैदा कर सकता है। थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस एक छोटे हीट पम्प के रूप में भी काम कर सकती है, जिसमें ऊष्मा एक तरफ से दूसरी तरफ गति करती है।
थर्मोइलेक्ट्रिक मैटेरियल तापीय ऊर्जा को एक प्रक्रिया के माध्यम से सीधे बिजली में तब्दील कर देता है, जिसमें एक ठोस अवस्था में इलेक्ट्रॉन और फोनन के प्रसार की प्रक्रिया शामिल होती है। भले ही इस सिद्धांत को दो सदियों से जाना जाता है, लेकिन इसकी सीमित उपयोगिता रही है क्योंकि सबसे ज्ञात थर्मोइलेक्ट्रिक मैटेरियल्स की ऊर्जा रूपांतरण की क्षमता काफी कम है। नैनो टेक्नोलॉजी ने मैटेरियल्स की दक्षता में सुधार के लिए कई नवाचार पेश किए, लेकिन 6-10 प्रतिशत की कम डिवाइस रूपांतरण दक्षता के कारण ऐसे नवाचारों का बाजार में व्यापक उपयोग नहीं हुआ है। इस प्रकार, इससे पैदा बिजली अन्य तकनीकों की तुलना में महंगी पड़ती है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान इंटरनेशन एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई) के शोधकर्ताओं ने लेड टेलुराइड (पीबीटीई) और मैग्नीशियम स्टैनाइट सिलिसाइड (Mg2Si1-xSnx) कम्पाउंड्स का इस्तेमाल करते हुए थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल डिजाइन विकसित किया है, जो 10 प्रतिशत से ज्यादा रूपांतरण दक्षता देता है। इस कार्य को हाल में पत्रिका ‘मैटेरियल्स रिसर्च बुलेटिन’ में प्रकाशित किया गया है। थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस, जिसके लिए एक धातु के इलेक्ट्रोड को विद्युत द्वारा सेमीकंडक्टर थर्मोइलेक्ट्रिक मैटेरियल्स जोड़ने की जरूरत होती है, के लिए दो आवश्यक कार्यात्मक जरूरतें होती हैं। यह जोड़ ऊंचे परिचालन तापमान (300-600 डिग्री) पर स्थिर रहना चाहिए और इसे किसी थर्मोकेमिकल डिग्रेडेशन से नहीं गुजारा जाना चाहिए।
इसमें कम से कम संपर्क प्रतिरोध होना चाहिए, जिससे करंट का प्रवाह और बिजली की आपूर्ति अधिकतम स्तर तक पहुंच जाए। एआरसीआई दल ने एक थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर बनाने के उद्देश्य से एक स्थिर बिस्मथ-डोप्ड Mg2(Si1-xSnx)-Cu जोड़ बनाने के एक व्यवस्थित दृष्टिकोण के साथ विभिन्न मेटलाइजेशन विधियों और डिफ्यूशन बैरियर मैटेरियल्स की खोज की थी। बिस्मथ-डोप्ड मैग्नीशियम सिलिसाइड स्टैनाइड (Mg2(Si0.38Sn0.6)Bi0.02) पाउडर की एक सिंगल-स्टेप हॉट प्रेसिंग से एक यांत्रिक रूप से स्थिर मेटलाइज्ड परत के साथ एक सघन पेलेट तैयार होती है, जो 400 डिग्री सी तक थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल्स में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त होती है। घटक तत्वों की इंडक्शन मेल्टिंग और ठोस सिल्लियों की बॉल मिलिंग के द्वारा संश्लेषित बिस्मथ-डोप्ड मैग्नीशियम सिलिसाइड स्टैनाइड पाउडर को एसएस304 और कॉपर (सीयू) पाउडरों के साथ हॉट प्रेस किया जाता है। जोड़ का विशिष्ट संपर्क प्रतिरोध लगभग 4.4 µΩ. वर्ग सेंटीमीटर है, जो अभी तक इस मैटेरियल के लिए सबसे कम है।
जोड़ का जब 15 दिन के लिए परीक्षण किया गया तो इंटरफेस पर रिएक्शन लेयर्स की मोटाई में नगण्य परिवर्तन के साथ उसने 450 डिग्री तापमान तक उत्कृष्ट तापीय स्थिरता प्रदर्शित की। इन जोड़ों के इस्तेमाल के द्वारा, एक थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस सफलतापूर्वक विकसित की गई है और इसके प्रदर्शन का परीक्षण किया गया है। चित्र 1 टीई लेग्स, एसईएम माइक्रोग्राफ और एसएस 304 बैरियर लेयर के साथ Mg2(Si0.38Sn0.6) Bi0.02-Cu जोड़ की एनीलिंग के साथ संपर्क प्रतिरोध की भिन्नता दिखाता है। चित्र 1 एसएस 304 डिफ्यूजन बैरियर लेयर (बायें) के साथ Mg2(Si0.38Sn0.6) Bi0.02-Cu जोड़ का एसईएम माइक्रोग्राफ और 450 डिग्री सेल्सियस पर गर्म कर धीरे धीरे ठंडा करन के समय के साथ विशेष संपर्क प्रतिरोध में बदलाव दिखाता है। इंटरफेसेस के यांत्रिक खामियों से मुक्त होने से एसएस304 के साथ सीयू का उचित प्रसार संबंध जाहिर होता है। SS304/Mg2Si0.38Sn0.6Bi0.02 इंटरफेस पर दो उप परतों के साथ एक निरंतर प्रतिक्रिया परत विकसित की गई थी। प्रतिक्रिया परतों के कुल मोटाई 12 से 30 µm के बीच रही।