भोपाल में अटका मेडिकल कॉलेज का पानी
शहडोल भोपाल में अटका मेडिकल कॉलेज का पानी
डिजिटल डेस्क,शहडोल।भीषण गर्मी में पेयजल संकट को दूर करने शासन-प्रशासन द्वारा नित नए दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज में दो महीने से व्याप्त जल संकट निवारण की बजाय पीएचई विभाग ने नियमों के पेंच में उलझा रखा है।
अपै्रल महीने के शुरुआती दिनों में ही कमिश्नर के निर्देश पर विभाग ने मेडिकल कॉलेज परिसर में तीन बोर करा तो दिए, परंतु अभी तक उनमें मोटर फिट नहीं किया जा सका है। जिसके कारण मरीजों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जबकि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा स्वशासी मद से करीब 16 लाख रुपए का एडवांस भुगतान भी पीएचई विभाग को कराया जा चुका है। दैनिक भास्कर ने 3 अपै्रल के अंक में मेडिकल कॉलेज में व्याप्त जल संकट को प्रमुखता से उजागर किया था। इसके बाद कमिश्नर ने प्रबंध कराने की पहल शुरु की थी। जिस पर पीएचई विभाग बट्टा लगा रहा है।
हैंडपंप से भर रहे पानी
मेडिकल कॉलेज के अकादमिक भवन से लेकर अस्पताल के सभी वार्डों में पानी की कमी बनी रहती है। इसको देखते हुए परिसर में तीन बोर कराकर हैंडपंप लगाए गए हैं। जहां से मरीज व उनके परिजनों को हैंडपंप से पीने का पानी तक भरना पड़ता है। वहीं निस्तार के लिए पानी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है। वार्डों में पानी की कमी से टॉयलेट से बदबू आती रहती है।
पहले मांगा भुगतान अब कह रहे खरीदी का अधिकार नहीं
मेडिकल कॉलेज में पहले से हुए चार बोरों से जल सप्लाई की जा रही थी। लेकिन पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। जिस पर परिसर में तीन नए बोर कराने के निर्देश दिए गए थे। पीएचई विभाग द्वारा भुगतान एडवांस में मांगा गया। जिस पर 60 प्रतिशत राशि मुहैया कराई गई। बोर होने के बाद जब मोटर लगाने की बारी आई तक फिर एडवांस भुगतान मांगा गया। जिसे भी दे दिया गया। बोर होने के महीने भर बाद भी मोटर नहीं लगे। विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि मोटर खरीदी का अधिकार उन्हें नहीं है। चीफ इंजीनियर से अनुमति मांगी जा रही है।
बोर की मोटर भी बेकार
पानी की आपूर्ति के लिए मेडिकल कॉलेज परिसर में पहले से चार बोर कराए गए थे। ई टाइप के आवासीय परिसर के पास लगा एक बोर में लगा मोटर खराब हो गया। कुछ दिन पहले पीएचई विभाग के कर्मचारी मोटर मरम्मत के लिए निकालकर ले गए। जिसे अब तक सुधार कर नहीं लगाया गया है। जिस कारण आवासीय क्षेत्र में भी पानी का संकट हो गया है।
इनका कहना है
एडवांस भुगतान ले लिया गया है लेकिन मोटर खरीदी का अधिकार हमें नहीं है। इंजीनियर इन चीफ से अनुमति मांगी गई है। इस प्रक्रिया में अभी 7-8 दिन और लग सकते हंै।