मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को 6 नए जज मिले, 4 हुए स्थानांतरित
साल भर छाया रहा ओबीसी आरक्षण का मुद्दा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को 6 नए जज मिले, 4 हुए स्थानांतरित
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। यूँ तो संस्कारधानी का न्याय-मंदिर अपने अभूतपूर्व फैसलों और दिग्गज न्यायविदों के लिए हमेशा जाना जाएगा, लेकिन 30 सितंबर 2022 की तारीख ने टाट पर पैबंद लगाने का काम कर दिया है। अब यह तारीख मप्र हाई कोर्ट के इतिहास में काला दिवस के रूप में जानी जाएगी। दरअसल, 30 सितंबर की दोपहर मुख्यपीठ जबलपुर में उपस्थित हर कोई उस समय अवाक रह गया जब अवसाद में आए एक अधिवक्ता की खुदखुशी के बाद बड़ी संख्या में वकीलों का एक गुट शव लेकर परिसर में घुस आए। आक्रोशित वकीलों ने स्टेट बार काउंसिल का एक चेंबर जला दिया। इससे न केवल प्रदेश वरन पूरे देश की न्यायपालिका में यह घटना चर्चा का विषय बनी और इसकी निंदा भी हुई।
लंबी सुनवाई में अटके ओबीसी व पीएससी
हाई कोर्ट में वर्ष 2022 में वैसे तो कई बड़े मामले आए, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी आरक्षण, पीएससी व आरक्षक भर्ती को लेकर दायर मामले चर्चा में रहे। इन याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के कारण ये अभी भी लंबित हैं, जिस कारण प्रदेश के हजारों युवाओं का भविष्य अधर में है। वर्ष 2019 में सरकार ने ओबीसी को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण दिया था। उसके बाद से ही हाई कोर्ट में इसे चुनौती देते हुए कई याचिकाएँ दायर हुईं। वर्तमान में ओबीसी आरक्षण के पक्ष और विपक्ष में करीब 65 याचिकाएँ लंबित हैं। इसके अलावा पीएससी में भी आरक्षण और अन्य अनियमितताओ से जुड़े आधा सैकड़ा मामले लंबित हैं। इसी तरह पुलिस आरक्षक भर्ती में महिला आरक्षण के साथ रोजगार पंजीयन से जुड़े विवाद पर भी सुनवाई जारी है।
समाप्त की विधायकी
दिसंबर के पहले सप्ताह में हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला देते हुए टीकमगढ़ के खरगापुर से भाजपा विधायक राहुल सिंह लोधी की विधायकी समाप्त कर दी। जस्टिस नंदिता दुबे ने लोधी को मिल रहे विधायक पद के सभी लाभ रोकने के भी आदेश दिए।
6 नए जज आए, 3 हुए रिटायर
वर्ष 2022 में 6 नए जजों की नियुक्ति हुई। इनमें जस्टिस एमएस भट्टी, जस्टिस डीडी बंसल, जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के, जस्टिस अमरनाथ केसरवानी, जस्टिस पीसी गुप्ता व जस्टिस डीके पालीवाल शामिल हैं। जस्टिस आरके श्रीवास्तव, जस्टिस आरके दुबे व जस्टिस एसके शर्मा सेवानिवृत्त हुए। वहीं जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव का स्थानांतरण जबलपुर से नई दिल्ली हाई कोर्ट किया गया।
उम्मीद
आने वाले वर्ष यानी 2023 से वकालत से जुड़े लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। हाई कोर्ट में फिलहाल जजों के 22 पद खाली हैं। आने वाले वर्ष में नए जजों की नियुक्ति संभावित है।