घर का मुखिया खोया और एचडीएफसी ने क्लेम भी नही दिया

बीमा कंपनी के जिम्मेदार नही दे रहे कोई जवाब घर का मुखिया खोया और एचडीएफसी ने क्लेम भी नही दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-05 11:52 GMT
घर का मुखिया खोया और एचडीएफसी ने क्लेम भी नही दिया

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बीमा कंपनी से आम नागरिक टर्न पॉलिसी कराएं या फिर स्वास्थ्य बीमा ले सभी में इंश्योरेंस कंपनी के जिम्मेदार किसी न किसी तरह की खामियां निकालकर आम नागरिको के साथ जालसाजी करने में लगे हुए हैं। पॉलिसी धारकों का आरोप है कि जिम्मेदार जानबूझकर आम लोगों के साथ गोलमाल कर रहे है। सारे तथ्य देने के बाद भी क्लेम डिपार्टमेंट हो या फिर डेथ क्लेम के जिम्मेदार अधिकारी पॉलिसी धारको की फाईल रिजेक्ट करके नो क्लेम का लैटर भेजने में जुट जाते हैं। बीमा कंपनियों ने अपना लिया है कि हर हाल में कंपनी को लाभ पहुंचाना है और पॉलिसी धारको को चक्कर कटवाना हैं। पीडि़त अब बीमा कंपनियों के संचालक मंडल व जिम्मेदार पदो पर बैठे अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई की मांग कर रहे है। 

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

कोरोना के इलाज के दौरान हो गई थी बीमित की मौत-

पाटन नुनसर निवासी विवेक जैन ने एचडीएफसी ने पॉलिसी ली थी। पॉलिसी का प्रतिवर्ष प्रीमियम भी जमा कर रहे थे। वर्ष 2021 में वे कोरोना से ग्रसित हो गए थे और निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान अस्पताल में कैशलेस नही किया गया और बीमित के परिजनों को अपने पास से सारे इलाज का पैसा देना पड़ा। इलाज के दौरान ही विवेक ने दमतोड़ दिया। परिजनों के द्वारा बीमा कंपनी में सारे दस्तावेज सम्मेट किए गए और पॉलिसी का लाभ नामिनी को दिए जाने का आवेदन दिया तो बीमा कंपनी के अधिकारियों ने अनेक तरह की क्वेरी निकाली और क्वेरी निकालने के बाद जब परिजनों ने सभी सत्यापित कराकर दिया जो जल्द क्लेम देने का वादा किया पर आज तक बीमा अधिकारियों ने पॉलिसी क्रमांक 22718978 का क्लेम नही दिया। बीमा कंपनी के जिम्मेदारो ने शुगर व बीपी की बीमारी का हवाला देकर नो क्लेम कर दिया। परिजनों का आरोप है कि बीमा अधिकारियों के द्वारा जानबूझकर धोखा किया गया है और नामनी को परेशान किया जा रहा है। वहीं बीमा कंपनी के अधिकारियों से बात की गई तो उनके जिम्मेदार कुछ भी बोलने तैयार नही है।
 

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