सूने पड़े केंद्र, गेहूं खरीदने किसानों के घर पहुंच रहे उपभोक्ता

शहडोल सूने पड़े केंद्र, गेहूं खरीदने किसानों के घर पहुंच रहे उपभोक्ता

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-19 11:32 GMT
सूने पड़े केंद्र, गेहूं खरीदने किसानों के घर पहुंच रहे उपभोक्ता

डिजिटल डेस्क, शहडोल । आदिवासी बाहुल्य शहडोल संभाग में गेहूं की सरकारी खरीदी पर किसान रुचि नहीं ले रहे हैं। 4 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी प्रारंभ होने के 14 दिन बाद भी शहडोल के 36 खरीदी केंद्रों में 28 किसान ही गेहूं लेकर पहुंचे। अनूपपुर के 8 खरीदी केंद्रों में तो अब तक गेहूं का एक दाना केंद्र नहीं पहुंचा। यही स्थिति उमरिया जिले की है। यहां 36 खरीदी केंद्रों में 31 केंद्र सूने पड़े हैं। किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंचे। गेहूं की सरकारी खरीदी केंद्रों तक किसानों के नहीं पहुंचने के पीछे बड़ा कारण यह मानाा जा रहा है कि कई किसानों के घर से ही उपभोक्ता अपनी सालभर की जरुरत का गेहूं ले रहे हैं। ये ऐसे उपभोक्ता हैं जो पहले व्यापारियों के यहां से गेहूं उठाते थे, लेकिन अब सीधे किसान से संपर्क कर रहे हैं। किसान बताते हैं कि इससे उन्हे भी फायदा है। घर से गेहंू देने पर फौरन पैसे मिल जाते हैं। इसमें सरकारी केंद्र में गेहूं देने के बाद पैसे के लिए कई दिन इंतजार की समस्या नहीं है। खरीदी केंद्र तक गेहूं ले जाने में परेशानियों से भी निजात मिल जाती है।

शहडोल 11 हजार 907 में 28 किसान ही पहुंचे केंद्र

शहडोल जिले में सरकारी खरीदी में गेहूं बेचने के लिए 11 हजार 907 किसानों ने पंजीयन करवाया है। इसमें 18 अप्रैल तक महज 28 किसान केंद्र पहुंचे और 3 हजार 121 क्विंटल गेहंू की तौल हुई। इस बारे में गल्ला मंडी शहडोल के व्यापारी विनय सोनी का कहना है कि ऐसा नहीं है कि किसानों से व्यापारी गेहूं खरीद रहे हैं। इस बार उपभोक्ता ही सीधे किसानों से गेहूं ले रहे हैं। पहले यही उपभोक्ता दुकानदारों से लेते थे। 

फोन आया, घर से उठा लेंगे गेहूं

मैं गेहूं लेकर सोसायटी आया तभी फोन आया कि घर से गेहूं ले जाएंगे। घर से गेहूं देने में फायदा है। परेशानी नहीं होती है। सरकारी खरीदी में सात दिन बाद पैसे मिलते हैं। 

- भोले किसान नवलपुर

बाजार में गेहूं का दाम समर्थन मूल्य से पचास रुपए क्विंटल कम है, लेकिन घर से सीधे देने पर किसान को फायदा होता है। हम पहले भी गेहूं केंद्र में दिए थे, इस बार भी लाए हैं। 

- दादूराम किसान पड़मनिया

फैक्ट फाइल

- 11 हजार 907 किसानों का पंजीयन, पंजीकृत रकबा 20 हजार 236 हेक्टेयर। 

- 74 हजार 9 सौ हेक्टयेर में इस साल गेहूं की बोवनी, पिछले साल की बोवनी 75 हजार 350 हेक्टेयर से कम। 

उमरिया 31 केंद्र में खरीदी शून्य, किसानों के घर से खरीदी

उमरिया में गेहूं खरीदी में अब तक  एक दाना नहीं पहुंचा है। 90 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में रबी की फसलें हैं। इस बार अभी तक 16 हजार 524 किसानों का पंजीयन हुआ है। इनमे 16 हजार 312 ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है। अभी तक स्लॉट बुकिंग मात्र 2 हजार 633 लोगों का हुआ है। अनाज अभी भी 31 केन्द्र तक नहीं पहुंचे हैं। हालांकि बाजार में इसके उलट स्थिति है।1875 से 1925 रुपए बाजार में कीमत दिया जा रहा और इस कारण किसान अब केंद्र का रुख कम कर रहे हैं। यहां खरीदी का लक्ष्य 5 लाख क्विंटल रखा गया है। व्यापारी नारायण गोयनका का कहना है अभी मार्केट में नया गेहूं की आवक कम है। मार्केट में 1925 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। इसी तरह एक अन्य व्यापारी सूरज गुप्ता का कहना है बड़ी मंडी में गेहूं के दाम बढ़े हंै। इसलिए यहां भी असर है। 

खरीदी केंद्र में कई परेशानी

उपार्जन केन्द्र में खरीदी के समय बिक्री की प्रक्रिया में खासी दिक्कतें आती हैं। पिछले साल धान में कई दिन ठंड के बीच रात काटनी पड़ी। जगह-जगह पैसे दिए बगैर काम नहीं होता। इसलिए व्यापारी को अनाज बेचा है। 

-बुद्धू सिंह, किसान 

पिछले साल धान के भुगतान में खाते से लेकर आधार के संबंध में कई दिक्कतें आईं। सोसायटी में नंबर लगवाने से लेकर छन्ना, सिलाई व लोडिंग सहित जगह-जगह परेशान किया जाता है। मजबूरी में हमने इस बार गेहूं बाजार में बेचा है।

- दिनेश रजक, किसान

अनूपपुर 50 हजार क्विंटल का लक्ष्य, खरीदी केन्द्र तक नहीं पहुंचा एक भी दाना

जिले की भौगोलिक स्थिति और सिंचाई के संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर गेहूं की फसल जिले की दूसरी फसल है। जिले में धान की खेती किसानों के द्वारा की जाती है। वर्ष 2021 में जहां 1902 किसानों ने 3105 हेक्टेयर में गेहूं की फसल बोई थी, गत वर्ष गेहूं खरीदी का लक्ष्य 50 हजार क्विंटल रखा गया था जिसके विरुद्ध जिले में 27 हजार क्विंटल की खरीदी ही हो पाई थी। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1 हजार 888 किसानों ने अपना पंजीयन  कराया है। 14 किसान इस वर्ष घट गए हैं वही खेती का रकबा भी गेहूं की फसल के लिए 75 हेक्टेयर कम हो गया है। जिले में 4 अप्रैल से गेहूं खरीदी का कार्य प्रारंभ किया गया है जिसके लिए जिले में 8 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, किंतु अब तक इन उपार्जन केंद्रों में एक भी किसान गेहूं बेचने के लिए नहीं पहुंचे हैं। कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि जिले में गेहूं की फसल की बुवाई विलंब से हुई थी 25 अप्रैल के बाद ही उपार्जन केंद्रों में किसान अपनी फसल बेचने आएंगे।


 

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