सैनिक सोसायटी के पीछे तेंदुए की फैमिली ने बनाया नया डेरा
सैनिक सोसायटी के पीछे तेंदुए की फैमिली ने बनाया नया डेरा
डिजिटल डेस्क जबलपुर। ठाकुरताल के बाद सैनिक सोसायटी से लगी पहाडिय़ों पर तेंदुए की फैमिली ने नया डेरा बना लिया है। पिछले चार दिन में करीब पाँच बार तेंदुओं का मूवमेंट रहवासी एरिया के समीप होने से कॉलोनीवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। हालाँकि अभी तक तेंदुए जंगली एरिया में ही सीमित हैं, लेकिन लोगों को आशंका है िक नयागाँव सोसायटी की तरह तेंदुए शिकार की तलाश में कभी भी कॉलोनी में पहुँच सकते हैं। इस मामले में वन िवभाग ने अभी तक किसी तरह की सक्रियता नहीं दिखाई है, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश भी व्याप्त है। वन िवभाग का कहना है िक जिन स्थानों पर तेंदुए मूवमेंट कर रहें हैं, वो वन क्षेत्र है, लिहाजा िनयमों के तहत वन्य प्राणियों के रहन-सहन पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ या रेस्क्यू नहीं किया जा सकता।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों सैनिक सोसायटी से लगी पहाडिय़ों पर एक तेंदुआ नजर आया था। एमपीईबी के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर ने चट्टान पर आराम कर रहे तेंदुआ की मोबाइल पर तस्वीरें भी ली थीं। जिसके बाद शनिवार की सुबह और रविवार की शाम उक्त तेंदुए के साथ मादा तेंदुआ और दो शावक भी दिखाई दिए थे। जिससे यहाँ तेंदुए की नई फैमिली के पहुँचने की बात साफ हुई थी। वन्य प्राणी िवशेषज्ञ मनीष कुलश्रेष्ठ के अनुसार ठाकुरताल और मदन महल की पहाडिय़ाँ सालों पूर्व तेंदुओं का बसेरा थीं लेकिन अतिक्रमण बढऩे के कारण तेंदुओं को पलायन करना पड़ा था। हाल ही के सालों में अतिक्रमण मुक्त होने के बाद तेंदुओं का यहाँ वापस लौटना पर्यावरण और वाइल्ड लाइफ के लिहाज से सुखद है।