सोन नदी पर रोहनिया डेम में पानी भराव को लेकर बेपरवाह जल निगम बोर्ड

शहडोल सोन नदी पर रोहनिया डेम में पानी भराव को लेकर बेपरवाह जल निगम बोर्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-10 11:33 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। गोहपारु ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना में शामिल 36 गांव को पेयजल आपूर्ति की चिंता भी जिम्मेदारों ने भूला दी है। इस योजना के तहत सोन नदी रोहनिया स्थित डेम के समीप बने इंटकवेल से पेयजल आपूर्ति होती है। प्रावधान है कि दिसंबर माह में इंटकवेल के दूसरे पोर्ट से पेयजल आपूर्ति होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में तीसरे पोर्ट यानी सबसे नीचे के पोर्ट से ही पेयजल आपूर्ति हो रही है। इससे सीधे तौर पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा और 36 गांव में पेयजल संकट का भी सामना भी गर्मी के मौसम में लाखों ग्रामीणों को करना पड़ेगा। इस पूरे मामले में जल निगम के महाप्रबंधक और मौके पर काम करने वाले कर्मचारियों के बयानों में भी अंतर है। 

जल निगम बोर्ड के महाप्रबंधक विवेक कुमार ने दैनिक भास्कर को बताया कि रोहनिया डेम में गेट की उंचाई बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल दूसरे पोर्ट से पानी की आपूर्ति होनी चाहिए। दूसरी तरफ रोहनिया में काम देख रहे कर्मचारी नरेंद्र ने बताया कि गेट की उंचाई अभी नहीं बढ़ा रहे हैं। कुछ दिन बाद इसका काम शुरु होगा। 

यह रेत ठेका कंपनी पर मेहरबानी है: कांग्रेस

रोहनिया डेम के समीप बने इंटकवेल के गेट की ऊंचाई नहीं बढ़ाये जाने पर चिंता जताते हुए जल निगम बोर्ड और जिला प्रशासन की इस मनमानी पर कांग्रेस ने आक्रोश जताया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने इसे लेकर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है। श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसा केवल इसलिए किया जा रहा है ताकि रेत के खनन में ठेकेदार को परेशानी न हो।

दरअसल, यदि गेट की ऊंचाई बढ़ाते हुए डेम में पानी भराव कर दूसरे पोर्ट से पानी लेना शुरु किया जाएगा तो जल भराव पीछे पटासी रेत घाट तक पहुंचेगा और वहां रेत का खनन प्रभावित होगा। श्री गुप्ता का आरोप है कि प्रशासन और जल बोर्ड निगम रेत ठेका कंपनी को उपकृत करने, तय प्रावधानों की अवहेलना कर रहे हैं।

 

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