Shahdol News: 9 साल से बन रही 73 किलोमीटर हाइवे निर्माण में अभी भी लेटलतीफी हावी

  • हाइवे निर्माण में दिल्ली की बैठक भी बेअसर
  • ठेका कंपनी ने दिसंबर 2024 तक हर हाल में काम पूरा करने की बात कही थी।
  • जानकर ताज्जुब होगा कि केंद्रीय मंत्री के निर्देश के बाद भी काम में तेजी नजर नहीं आई।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-22 08:52 GMT

Shahdol News: एक हाइवे ऐसी भी है, जिसका निर्माण 9 साल से हो रहा है और अब तक पूरा नहीं हुआ। बात एनएच-43 पर शहडोल से उमरिया के बीच 73 किलोमीटर हाइवे निर्माण की है। 2015 में मंजूर इस प्रोजेक्ट पर हाइवे का निर्माण तो 2020 तक पूरा हो जाना चाहिए।

यह अलग बात है कि सडक़ निर्माण यह हिस्सा ठेकेदार के उदासीन रवैये का ऐसा शिकार हुआ कि लोगों की परेशानी 9 साल बाद भी दूर नहीं हुई। सडक़ निर्माण में लगातार लेटलतीफी के बाद 16 जुलाई को दिल्ली में केंद्रीय सडक़ परिवहन व हाइवे मंत्री नितिन गडक़ड़ी की अध्यक्षता में बैठक हुई तो यह तय किया गया कि किसी भी स्थिति में सडक़ निर्माण का शेष काम दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाए।

जानकर ताज्जुब होगा कि केंद्रीय मंत्री के निर्देश के बाद भी काम में तेजी नजर नहीं आई। अब मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के शहडोल डीएम अवधेश स्वर्णकार का कहना है कि मार्च 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

बतादें कि दिल्ली में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य ठेका कंपनी जीवीआर को जल्द से जल्द काम पूरा करने की हिदायद दी गई। चूकि ठेका कंपनी ने यहां पर काम पेटी कांट्रेक्ट में तिरुपति बिल्डकान कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को दिया है। ठेका कंपनी ने दिसंबर 2024 तक हर हाल में काम पूरा करने की बात कही थी।

इन स्थानों पर होना है आरओबी का निर्माण

- घुनघुटी के समीप मोर्चा फाटक

- पाली नगर से पहले

- पठारी रेलवे फाटक

- अमहा रेलवे फाटक

शहडोल बाईपास में वीयूपी का काम अधूरा

शहडोल शहर के लिए बाईपास का निर्माण हुआ तो रीवा रोड पर राजा बाग के समीप व्हीकल अंडर पास (वीयूपी) का निर्माण कार्य भी अब तक अधूरा है। यहां हादसे हो रहे हैं।

रेलवे से लांचिग अप्रुवल का इंतजार

शहडोल से उमरिया के बीच हाइवे निर्माण में चार स्थानों पर रेलवे फाटक में आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) का निर्माण होना है। इसके लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) से लांचिग स्कीम को अप्रुव करवाना होगा। एमपीआरडीसी द्वारा इसके लिए जुलाई माह से ही प्रयास तेज कर दिया गया था। फिर भी तीन माह बाद अप्रुवल का इंतजार है।

ऐसे बढ़ जा रही आमजनों की परेशानी

- शहडोल से उमरिया और आगे कटनी व जबलपुर जाने वाले वाहन मालिकों को शहडोल से उमरिया के बीच चार रेलवे फाटक पार करने में एक घंटे समय लग जाता है। रेलवे का व्यस्ततम लाइन होने के कारण सभी फाटक अमूमन बंद मिलते हैं और प्रत्येक फाटक में कम से कम 15 मिनट का समय लगता है।

- पाली से नौरोजाबाद के बीच लगभग 10 किलोमीटर सडक़ जर्जर हालत में है। यहां पर वाहन चालकों को गड्ढों के बीच सडक़ की तलाश करनी पड़ती है। चूकि इसका वैकल्पिक मार्ग अलग से बना है, लेकिन पाली में आरओबी का निर्माण नहीं होने के कारण हाइवे की नई सडक़ का उपयोग नहीं हो पा रहा।

- पाली से नौरोजाबाद के बीच जोहिला नदी पुल में मजबूत रेलिंग नहीं है। यहां सुरक्षा को लेकर इंतजाम नहीं होने से वाहन निकासी के दौरान हादसे की आशंका बनी रहती है।

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